भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत 'विरोध प्रदर्शन' को रोकने की कोशिश अब नाकाम होती नजर आ रही है। बात दें कि भोपाल समाचार ने इस मुद्दे को उठाया था। आज कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भोपाल आकर पीसीसी कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर विरोध जताया जबकि मंत्री पीसी शर्मा ने भी बयान जारी किया है।
मामला क्या है
भोपाल पुलिस ने एक प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर भोपाल को भेजा था जिसमें पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह मम्मा से 23 लाख रुपए की वसूली करने केे लिए कहा गया था। दलील दी गई थी कि उन्होंने पिछले दिनों जो विरोध प्रदर्शन किए, उसमें पुलिस बंदोबस्त के कारण पुलिस विभाग का 23 लाख रुपए खर्च हुआ है। कलेक्टर ने नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा था जबकि आईजी योगेश देशमुख ने कहा था कि भू-राजस्व संहिता में इसका प्रावधान है।
भोपाल समाचार ने क्या किया
यह मामला सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले गुमठी संचालकों के नेता सुरेंद्र नाथ सिंह और पुलिस के बीच माना जा रहा था। सुरेंद्र नाथ सिंह के कारण ज्यादातर लोगों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। भोपाल समाचार ने इस मामले को सुरेंद्र नाथ सिंह से अलग बताते हुए मुद्दा बनाया (मप्र पुलिस प्रदर्शनकारी नेताओं से लाठीचार्ज की भी फीस लेगी)। इसके बाद प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हुआ।
विधायक कुणाल चौधरी ने भोपाल आकर विरोध प्रदर्शित किया
कांग्रेस विधायक एवं सीएम कमलनाथ के नजदीकी कुणाल चौधरी ने भोपाल आकर पीसीसी कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया एवं पुलिस के इस कदम को गलत बताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। कुणाल चौधरी की प्रेसवार्ता ने यह भी स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस उनकी बात से सहमत है क्योंकि यह प्रेसवार्ता पीसीसी कार्यालय में हुई।
मंत्री पीसी शर्मा ने भी बयान दिया
विधि मंत्री पीसी शर्मा ने एक कार्यक्रम में कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। प्रशासन को अपने नोटिस पर पुनर्विचार करना चाहिए। जबकि कुणाल चौधरी ने मुखर विरोध करते हुए कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। किसी भी आंदोलन को लेकर इस तरह का नोटिस दिया जाना गलत है। लोकतंत्र में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने का अधिकार है।
यह सुरेंद्रनाथ सिंह का समर्थन नहीं है
यहां यह भी स्पष्ट हो जाना चाहिए कि यह सबकुछ भाजपा नेता सुरेंद्रनाथ सिंह या उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन नहीं है। केवल पुलिस द्वारा सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई को अनुचित बताने की प्रक्रिया है। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का समर्थन ना तो विधायक कुणाल चौधरी ने किया और ना ही मंत्री पीसी शर्मा ने।