भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संपत्ति एवं चुनावी खर्च के ब्योरे को लेकर आयकर विभाग पूछताछ भी कर सकता है। विभाग ने करीब 50 लोगों को नोटिस देकर नामांकन पत्र के साथ दिए गए संपत्ति के ब्योरे संबंधी दस्तावेज मांगे थे। इनमें से कई लोगों ने जवाब भेज दिए, जबकि कुछ के बाकी हैं। विभाग को कुछ मामलों में संपत्ति के बेनामी होने की आशंका है।
आयकर विभाग ने प्रारंभिक छानबीन में पाया है कि नामांकन पत्र के साथ संपत्ति का जो ब्योरा दिया गया है, उसका मिलान नियमित तौर पर दिए जाने वाले आयकर विवरण से नहीं हो रहा, इसमें दिख रहे अंतर को लेकर विभाग संतुष्ट नहीं है। इसलिए अलग-अलग किस्तों में करीब 50 लोगों को धारा 131 के तहत नोटिस भेजकर जवाब-तलब किया गया है। बताया जाता है कि नोटिस की अवधि बीतने के बावजूद कतिपय विधायकों के जवाब नहीं मिले हैं, जबकि ज्यादातर ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के जरिए बिंदुवार जवाब भेजे हैं।
विभाग अब सभी दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद आवश्यक हुआ तो संबंधित विधायक से पूछताछ भी कर सकता है, क्योंकि कुछ प्रॉपर्टी को लेकर विभाग को संदेह भी है। जिन लोगों को नोटिस थमाए गए हैं, उनमें पक्ष-विपक्ष दोनों ही दलों के नेता हैं।
पिछले पखवाड़े जिन्हें नोटिस भेजे गए थे, उनमें पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं पूर्व विधायक मीरा यादव भी शामिल हैं। इनके अलावा भारत सिंह कुशवाह, राहुल लोधी, आलोक चतुर्वेदी, राकेश गिरी गोस्वामी, शशांक भार्गव, संजीव सिंह कुशवाह और रणवीर सिंह जाटव को भी नोटिस भेजे गए हैं।
कई नेताओं का कहना है कि उन्होंने आयकर को जरूरी दस्तावेज पहुंचा दिए हैं। विभाग अब इन दस्तावेजों की छानबीन के बाद अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजेगा। इसके अलावा यदि किसी करदाता पर टैक्स निकल रहा है तो उसे वसूलने की कार्रवाई भी करेगा।