जबलपुर। हमलावरों पर पुलिस बल प्रयोग न करती तो सिविल लाइन थाने के भीतर खून खराबा तय था। पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज यही बयां कर रहे हैं, जहां शनिवार को छात्र नेताओं ने पुलिसकर्मियों व एक-दूसरे पर हमला करने के लिए चाकू व बेल्ट का प्रयोग किया था। इस दौरान हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था।
छात्र नेताओं के हमले में घायल सिविल लाइन थाने के सहायक उप निरीक्षक अल्प नारायण मिश्रा की सेहत शनिवार-रविवार दरम्यानी रात बिगड़ गई थी जिसके बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया तथा अस्पताल में भर्ती आरक्षक राहुल सिंह की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने अस्पताल पहुंचकर घायल पुलिसकर्मियों को ढाढस बंधाया। सिविल लाइन पुलिस ने चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अनूपपुर द्वारा प्राध्यापक के साथ मारपीट करने वाले आरोपी एवं सत्ता के दवाब में ABVP कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियो पर शीघ्र कार्यवाही करने 5 अगस्त को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार अनूपपुर को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में बताया गया कि 3 अगस्त को जबलपुर में मॉडल सांइस कॉलेज में बीएड के बेरीफिकेशन के समय बीएड कांडसलिंग प्रभारी एवं गणित विभाग के सहायक प्रध्यापक आर.पी.एस. चंदेल के साथ एनएसयूआई के गुंडा प्रवृत्ति के छात्र नेताओं ने अभद्रता करते हुए मारपीट की गई. जिससे काउसिलिंग प्रभारी को गंभीर चोटें आई है.
जब प्राध्यापक के समर्थन में अभाविप पदाधिकारी प्राध्यापक के साथ सिविल लाईन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो पुलिस ने रिपोर्ट नही लिखी एवं वहां उपस्थित एनएसयूआई के गुंडो द्वारा पुन: एबीव्हीपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की तब भी पुलिस प्रशासन मौन रहा उसी समय पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन थाने पहुंचे और आकर बिना कारण जाने एबीव्हीपी कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलानी शुरू कर दी यह देखते ही पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया जिसमें कई एबीव्हीपी कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटे आई एवं एक कार्यकर्ता का हाथ फेक्चर हो गया.
प्रदेश सरकार के दवाब में आकर छात्रों पर लाठीचार्ज करना निंदनीहय है एक पीडि़त प्राध्यापक की रिपोर्ट न लिखना एवं उनको न्याय दिलाने के लिए प्रयास करने वाले एबीव्हीपी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस प्रशासन का गलत रवैया ऐसे में यह स्पष्ट करता हे कि पुलिस प्रशासन प्रदेश सरकार के दवाब में आकर पीडि़तो को दबाने का पूर्ण प्रयास कर रही है व दोषियों को संरक्षण देने का काम कर रही है.
इसमें पुलिस अधीक्षक की भूमिका भी संदिग्ध है. एबीव्हीपी इसका पुरजोर विरोध करती है एबीव्हीपी की यह मांग है कि प्राध्यापक के साथ मारपीट करने वाले दोषी एनएसयूआई के गुडें को कडी से कडी सजा मिले एवं पुलिस द्वारा एबीव्हीपी के छात्रों पर अनावश्यक लाठी चार्ज किया जिसमें पुलिस अधीक्षक एवं घटना में संलिप्त पुलिस कर्मियों के ऊपर कडी कार्यवाही हो. जिसमें दोषियों पर कार्यवाही नही होने पर एबीव्हीपी पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन प्रदर्शन करेगी.