मप्र के सभी विकास खण्डों में बाल शिक्षा केन्द्र | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रदेश में प्रत्येक विकास खण्ड के एक आँगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण में 28 अगस्त को चयनित 313 आँगनवाड़ी केन्द्रों में बाल शिक्षा केन्द्र शुरू किया जा रहा है। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी 28 अगस्त को प्रात: 10 बजे ग्वालियर के झलकारी बाई पार्क, रेशम मिल, आँगनवाड़ी केन्द्र से बाल शिक्षा केन्द्र का शुभारंभ करेंगी।

बाल शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश में शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में 6 वर्ष की उम्र तक के बच्चों के समुचित विकास के लिये प्री-प्रायमरी संस्थाओं का नियमन, निगरानी एवं मूल्यांकन संभव होगा। प्रदेश स्तर पर भी शाला पूर्व शिक्षा नीति तथा नियामक दिशा-निर्देश बनाये जा रहे हैं।

आँगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिये 19 विषय का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। सत्र में स्वयं की पहचान, मेरा घर, व्यक्तिगत साफ-सफाई, रंगों और आकृति, तापमान एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन और सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम और बच्चों का आत्म-विश्वास तथा हमारे त्यौहार शामिल हैं। बाल शिक्षा केन्द्र में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के आयु समूह के अनुसार 3 एक्टीविटी वर्क बुक तैयार की गई है। बच्चों के विकास की निगरानी के लिये शिशु विकास कार्ड बनाये गये हैं।

आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये दिशा-निर्देश

बाल शिक्षा केन्द्र में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये बच्चों को वर्षभर में करवाई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक तथा साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसके तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिये आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाये गये हैं। आँगनवाड़ी छोड़ते समय बच्चों को दिये जाने वाले प्रमाण-पत्र और प्रतिवर्ष पी.एस.ई. किट उपलब्ध कराई जा रही है। निपसिड से प्रशिक्षित स्टेट रिसोर्स ग्रुप के द्वारा राज्य-स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किये गये हैं। इन ट्रेनर द्वारा पर्यवेक्षकों को 'हेण्डस-ऑन' प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को इसका प्रशिक्षण, पर्यवेक्षकों द्वारा दिया जा रहा है।

खेल-खेल में शिक्षा

आँगनवाड़ी शिक्षा केन्द्रों में खेल-खेल में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिये दैनिक गतिविधियाँ होगी। इसमें क्रियात्मक खेल, रचनात्मक नाटक अथवा नकल करने वाले खेल, सामूहिक और नियमबद्ध खेल शामिल हैं। इन केन्द्रों पर खेलों के आधार पर बच्चों से अलग-अलग गतिविधियाँ करवाई जायेंगी। केन्द्रों पर प्रतिदिन 3 से 4 घन्टे शाला पूर्व शिक्षा के लिये निर्धारित हैं। बच्चों को एक गतिविधि के लिये 15 से 20 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है क्योंकि 3 से 6 तक की उम्र वर्ष के बच्चे एक गतिविधि पर इससे अधिक समय तक ध्यान नहीं दे पाते।

कक्ष व्यवस्था

बच्चों को आकर्षित करने के लिये आँगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र में रंग-बिरंगी साज- सज्जा की जाएगी। कक्ष में दिवारों पर चार्ट, पोस्टर, कटआऊट आदि लगाये जायेंगे। बच्चों द्वारा बनाई गई सामग्री का भी प्रदर्शन किया जायेगा। बड़े समूह की गतिविधियों के लिये कक्ष के एक कोने में मंच की व्यवस्था रहेगी, जहाँ बच्चे विभिन्न तरह की गतिविधियाँ प्रस्तुत कर सकेंगे। बाल शिक्षा केन्द्र के कक्ष के अन्दर का वातावरण छोटे बच्चों की रूचि एवं विकासात्मक आवश्यकताओं के अनुसार बनाया गया है। बच्चों के खेलने के लिये अलग-अलग कोने जैसे गुड़िया घर का कोना, संगीत का कोना, कहानियों का कोना, विज्ञान एवं पर्यावरण प्रयोग का कोना आदि बनाए गए हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!