जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने मप्र लोक सेवा आयोग से पूछा है कि अब तक पीएससी की संशोधित चयन सूची क्यों नहीं जारी की गई है। एक अवमानना मामले में जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अंजुली पालो की खंडपीठ ने आयोग की सचिव रेणु पंत को कारण बताओ नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
मामला असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में सामान्य महिला वर्ग की आरक्षित सीटों पर ओबीसी एवं अन्य आरक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवारों के चयन से जुड़ा है। भोपाल की डॉ. अमृता द्विवेदी, डॉ. एकता जैन सहित अन्य ने याचिका दायर कर बताया था कि सामान्य प्रशासन विभाग ने एक परिपत्र जारी कर सामान्य वर्ग की महिला उम्मीदवारों के लिए 31% आरक्षण तय किया था। पीएससी ने 2017 में असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया। इसी साल पीएससी ने अंतिम चयन सूची जारी की।
दलील दी गई कि जो चयन सूची जारी की गई, उसमें अनारक्षित वर्ग की महिलाओं का हक मार कर एससी, एसटी और ओबीसी की आवेदकों का चयन कर लिया। हाईकोर्ट ने 26 जून को पीएससी को 15 दिन के भीतर संशोधित चयन सूची जारी करने के निर्देश दिए थे। दो माह बाद भी जब सूची जारी नहीं की गई तो अवमानना याचिका दायर की गई।