यदि आप रेलवे के टिकट आरक्षण केन्द्र पर रिजर्वेशन कराते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है, कृपया ध्यानपूर्वक पढ़ें एवं इस खबर की लिंक अपने सभी मित्रों को भी भेज दें ताकि वो भी रेल मंत्रालय की 47% वाली योजना से अवगत हो जाएं और सही निर्णय ले सकें। दरअसल यात्रियों को रिजर्वेशन टिकट पर दी जा रही सबसिडी सरेंडर करने के लिए रेलवे का 100 डे प्लान पर अमल होने जा रहा है। इसके तहत आपकी एक छोटी सी चूक के कारण आपका रेल टिकट 47% तक महंगो हा सकता है।
रिजर्वेशन फार्म बदल दिए गए हैं
इसके लिए सभी रेल मंडलों ने अपने रिजर्वेशन काउंटर पर मिलने वाले रिजर्वेशन फार्म में फेरबदल करना शुरू कर दिया है। सभी रिजर्वेशन काउंटर के लिए नए प्रारूप में तकरीबन 5 लाख रिजर्वेशन फार्म प्रिंट कराए हैं। काउंटर पर रिजर्वेशन फार्म भरते वक्त यात्रियों को बताना होगा कि रेलवे द्वारा दी जा रही सबसिडी उन्हें चाहिए या नहीं। यदि आप 'चाहिए' पर टिक नहीं करते तो आपको अधिकतम मूल्य पर टिकट दी जाएगी। अत: आपको निर्धारित शुल्क से 47 फीसदी तक महंगी टिकट थमा दी जाएगी।
यह आएगी परेशानी
- कई बार यात्रियों को रिजर्वेशन की सही जानकारी नहीं होती, इसलिए वह दूसरों से पूछते हैं।
- रिजर्वेशन फार्म के छोटे अक्षर पढ़ने में खास तौर पर बुर्जुगों को असुविधा होती है।
- रिजर्वेशन फार्म पर 50 और 100 फीसदी रियायत पर टिक लगाना है, जिससे भ्रम बनेगा।
- रिजर्वेशन फार्म पर दी गई जानकारी को पहले से ज्यादा बढ़ाकर फार्म का साइज बढ़ा दिया है
- गलती से रियायत छोड़ने के कॉलम में टिकट लगा दिया तो आपकी गलती सुधरेगी नहीं।
पीआरएस साफ्टवेयर अपडेट होते ही मिलने लगेंगे फार्म
रेलवे बोर्ड जल्द ही सभी रिजर्वेशन काउंटर के लिए सर्कुलर जारी करने जा रहा है। उसने क्रिस को पैसेंजर रिजर्वेशन साफ्टवेयर अपडेट करने कहा दिया है। इधर सभी काउंटर पर रिजर्वेशन फार्म रख दिए गए हैं। जैसे ही सर्कुलर जारी होगा, उसी दिन से सबसिडी पर रियायत सरेंडर करने का काम शुरू हो जाएगा। हालांकि जबलपुर मंडल ने यात्रियों को इसके लिए जागरूक करने के लिए छोटे-छोटे आयोजन, पोस्टर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।