भोपाल। कांग्रेस ने वादा किया था कि वो घोटालेबाज संस्था व्यापमं उर्फ प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) को बंद करके अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी कर्मचारी चयन आयोग का गठन करेगी। पीईबी की परीक्षाएं भी स्थगित कर दीं गईं हैं, पंरतु अब सरकार का मन बदल गया है। पीईबी को बंद नहीं किया जा रहा है और ना ही कर्मचारी चयन आयोग का गठन होगा। अब पीईबी का एक्ट बदला रहा है। इसके बाद परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
पत्रकार श्री अभिषेक दुबे की रिपोर्ट के अनुसार
प्रस्तावित नियमों के मुताबिक अब कोई उम्मीदवार यदि भर्ती या प्रवेश परीक्षा में अव्वल आता है तो उसे बोर्ड पुरस्कार, मेडल या स्कॉलरशिप देगा। मप्र में यह पहली बार होगा, जब भर्ती परीक्षा में मेरिट में आने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार के तौर पर उम्मीदवार को नकद राशि दी जाएगी या कुछ और, इसका फैसला फिलहाल पीईबी ने नहीं किया है।
नए नियमों का मसौदा जारी करते हुए बोर्ड ने इस पर तीस दिन में दावे आपत्तियां बुलवाई हैं। इसके बाद नियमों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसे सरकार की सख्ती के साथ ही बोर्ड की छवि बदलने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
व्यापमं घोटाले के बाद से बोर्ड पर से परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का भरोसा कम हुआ है। यही वजह है कि नाम बदलने के बाद अब इसके एक्ट में भी बदलाव किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि एक्ट में कई खामियां हैं जिसका फायदा उठाकर बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी घोटाले को अंजाम देते रहे हैं। नए एक्ट में उन खामियों को तो दूर किया ही जा रहा है साथ ही इसमें बोर्ड की छवि चमकाने के लिए भी कुछ नियम जोड़े जा रहे हैं।
यह खास होगा नए नियमों में
पुरस्कार- मेरिट के आधार पर उम्मीदवार को पुरस्कार, मेडल या स्कॉलरशिप दी जाएगी। पुरस्कार क्या दिया जाएगा यह फिलहाल तय नहीं किया गया है। साथ ही परीक्षा समिति का गठन भी किया जाएगा जो योग्य उम्मीदवार का मेरिट के आधार पर चयन करेगी। पुरस्कार देने के लिए बड़े स्तर पर समारोह का आयोजन भी किया जाएगा।
एमपी में ही होगी परीक्षा- बोर्ड की सभी भर्ती और प्रवेश परीक्षा अब सिर्फ प्रदेश में ही हो सकेगी। प्रदेश के बाहर परीक्षा आयोजित करने पर रोक लगा दी जाएगी। सरकार का मानना है कि प्रदेश के बाहर परीक्षा आयोजित कराने से वहां के केन्द्र पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं रहता और बाहरी राज्यों के उम्मीदवार केन्द्र पर परीक्षा के लिए तैनात लोकल स्टाफ की मदद से आसानी से फर्जीवाड़े को अंजाम दे देते हैं।
स्किल टेस्ट-
बोर्ड अब प्रदेश के सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए स्किल टेस्ट भी आयोजित करेगा। यदि कोई विभाग बोर्ड को प्रस्ताव देगा तो यह टेस्ट आयोजित किया जाएगा।
साइबर ऑडिट-
बोर्ड ने अब ऑनलाइन परीक्षा भी आयोजित करनी शुरू कर दी है। ऐसे में ऐहतियात के तौर पर ऑनलाइन परीक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों समेत पूरी प्रक्रिया का साइबर ऑडिट भी होगा। इससे ऑनलाइन परीक्षा में किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा।
दावे-आपत्तियां बुलाई है
नियमों को जारी कर तीस दिन में दावे आपत्तियां मंगाई गई हैं। नए नियमों में मेरिट में आने वाले उम्मीदवारों को पुरस्कृत करने समेत अब तक रही इसकी खामियों को दूर किया जा रहा है। ताकि भविष्य में कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो सके।