डॉ अनिल जैन। सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा जिसका विज्ञापन 2017 में प्रकाशित हुआ 2018 में परीक्षा हुई 2019 तक सत्यापन होता रहा, पर भर्ती अब तक नहीं हुई। मामला माननीय न्यायालय तक गया, और जून में निर्देश दिए गए कि संशोधित सूची जारी करें।
इस परीक्षा के विज्ञापन से लेकर अब तक पीएससी और उच्च शिक्षा विभाग दो दर्जन से ज्यादा संशोधन कर चुके हैं और अब 19 अगस्त को फिर शुद्धीपत्र जारी हो गया कि सहायक प्रध्यापक के पदों का पुनरीक्षित विवरण। जिसमे विज्ञापित पदों की विषयवार व श्रेणी वार जानकारी दी गई है।
इसमें यह भी लिखा है कि डॉ बी आर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्ववद्यालय की प्रक्रिया स्थगित रखे जाने के कारण इन पदों को भी उच्च शिक्षा विभाग में शामिल किया जाए। इस शुद्धि पत्र में पदों को कम और ज्यादा भी किया गया है। जब विज्ञापन जारी हुआ तो बैकलाग, पदोन्नति/ सेवानिवृति, व नवीन सृजित पद का विज्ञापन अलग अलग सूची बना कर जारी हुआ, परन्तु अब एक सूची ही जारी की है जो आसानी से समझ नहीं आ सकती, जब तक रोस्टर, आरक्षण की स्पष्ट व्याख्या न जानते हों।
यह पत्र जारी होने के बाद अब यह भी संभावना नजर आ रही हैं कि जिस विषय में पद कम किए गए होंगे उन विषयों में पास आवेदकों का क्या होगा व जिन विषयों में पद ज्यादा हुए हैं, तो वेटिंग वाले चुने जाएंगे, फिर उनके दस्तावेजों का सत्यापन भी होगा। जिसमे समय लगेगा। फिर जिनके दस्तावेज कम, अपूर्ण या नहीं होंगे उन्हें पुनः अवसर दिया जाएगा कि ठीक कर लो, बाद में जमा कर देना, जैसा कि उच्च शिक्षा विभाग इस परीक्षा में पास हुए लगभग 620 आवेदकों को पहले भी लाभ दे चुका है, जबकि मूल विज्ञापन में उल्लेख था कि निर्धारित अवधि के बाद दस्तावेज जमा नहीं होंगे,पर लिंक भी खुली और मौका भी दिया गया।
इस भर्ती के पीछे पूर्ववर्ती शासन की मंशा थी कि 2018 के सत्र में नियुक्ति देना है इसलिए साक्षात्कार, सामान्य अध्ययन का पेपर समाप्त किया गया। काफी सुधार की कोशिश भी की गई व जल्दी प्रक्रिया ख़तम करने की कोशिश की गई, पर अब सरकार बदल गई, बहुत से प्रकरण न्यायालय में पेश किए गए, और अब फिर सूची जारी होगी, इसमें भी कमी होगी या पूर्णता यह कहना अभी सार्थक न होगा।
डॉ अनिल जैन
अतिथि विद्वान
शासकीय महाविद्यालय पथरिया जिला दमोह
9329883360