बंडा/सागर। शाहगढ़ के पत्रकार चक्रेश जैन को जलाकर मारने के आराेप में जेल में बंद एडीओ अमन चौधरी की जमानत अर्जी बंडा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमाशंकर अग्रवाल ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट का कि मामला बेहद गंभीर है और ऐसी परिस्थितियों में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
आवेदन में कहा: पत्रकारों के दवाब में गिरफ्तार किया गया
आरोपी ने जीवित रहने के लिए इलाज कराने का तर्क देते हुए कोर्ट से जमानत मांगी थी। अपर लोक अभियोजक आरएन यादव ने बताया कि आरोपी एडीओ अमन चौधरी की ओर से लगाए गए जमानत आवेदन में कहा गया था कि 19 जून को चक्रेश जैन पेट्रोल लेकर उसे जलाने के लिए उसके घर आया था। घटना के दौरान दोनों आग की चपेट में आ गए। चक्रेश की मौत हो गई, जबकि वह गंभीर रूप से घायल हो गया है। पत्रकार संघ के दबाव में आकर 2 अगस्त को पुलिस ने उसे सागर के निजी अस्पताल से जबरदस्ती डिस्चार्ज करा लिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बंडा की कोर्ट में उसे पेश किया गया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
कोर्ट ने जेलर से कहा: इलाज कराएं, जमानत नहीं देंगे
उसके वकील ने बताया कि उसके शरीर पर 35 से 40 फीसदी बर्न है। इस कारण उसे संक्रमण का खतरा है। वह अच्छे डॉक्टरों से इलाज कराना चाहता है और यह सागर या बंडा में संभव नहीं है। यदि वह जीवित रहता है तभी खुद को निर्दोष साबित कर पाएगा। अभियोजन ने आरोपी को जमानत दिए जाने का विरोध किया। कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन करने के बाद अभियाेजन के तर्कों पर सहमति जाहिर की। कोर्ट ने आदेश में कहा कि मामला गंभीर है। ऐसी परिस्थिति में आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना न्यायोचित नहीं होगा। कोर्ट ने आदेश में कहा कि उपजेल अधीक्षक बंडा आरोपी के इलाज की व्यवस्था करें।