भोपाल। उज्जैन सहित प्रदेश के कुछ संभागों में संभागीय कोष एवं लेखा द्वारा तीसरे क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान को लेकर ली जा रही आपत्तियों को लेकर समग्र शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष सुरेशचंद्र दुबे, प्रदेश महामंत्री अशोक बुनकर और संजय तिवारी ने आयुक्त मुकेशचंद्र गुप्ता संचनालय कोष एवं लेखा मध्यप्रदेश से मुलाकात कर उज्जैन संभाग का पत्र का हवाला देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में कहा गया था कि उज्जैन सहित प्रदेश के कुछ संभागीय कोष एवं लेखा संयुक्त संचालकों द्वारा शिक्षक संवर्ग को स्वीकृत तीसरी क्रमोन्नत योजना को समयमान योजना की तरह परिभाषित करते हुए शिक्षकों को क्रमोन्नत योजना से वंचित किया जा रहा है, जबकि अगले पद की शैक्षणिक योग्यता का बन्धन समयमान योजना में है न कि क्रमोन्नत योजना में।
संगठन की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए गुरुवार को संचालनालय कोष एवं लेखा ने उज्जैन संभागीय संयुक्त संचालक को पत्र जारी कर 30 साल की सेवा कर चुके सभी शिक्षकों को तीसरी क्रमोन्नत योजना का लाभ देने के निर्देश दिए है।
आयुक्त ने म0प्र0 वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र -22/7/94/शी/4 दिनांक 17 जनवरी 1995 का हवाला देते हुए साफ किया है कि वेतन निर्धारण के प्रकरणों में शैक्षणिक योग्यता की मान्यता/स्तर बावत आपत्ति नहीं लगाई जा सकती है क्योंकि नियुक्ति अथवा पदोन्नति के प्रकरणों में ये दायित्व नियुक्तिकर्ता अधिकारी का है न कि कोष एवम् लेखा का।
आयुक्त के उल्लेखित स्पष्टीकरण के बाद तीसरे क्रमोन्नत वेतनमान के भुगतान को लेकर प्रदेश के कुछ संभागीय कोष एवं लेखा द्वारा ली जा रही है आपत्तियों पर स्वत: विराम लग जाएगा।