उज्जैन। सावन शहर पर मेहरबान हुआ। बुधवार सुबह दो घंटे झमाझम बारिश हुई। दोपहर में भी रुक-रुककर बरसात होती रही। दिनभर में सवा इंच बरसात दर्ज की गई। अच्छी बारिश से लोगों को खुशी तो हुई। मगर कई स्थानों पर दिक्कतें भी खड़ी हो गईं। नालों की बेहतर साफ-सफाई न होने से सड़कें जलमग्न हो गईं।
सब्जी मंडी में पानी भरा गया। कचरा अटकने से चैंबर ओवर फ्लो हुए और नालों का सारा गंदा पानी सीधे मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में मिलता रहा। कुछ माह पहले बनीं सड़कें भी उखड़ी नजर आईं। सीवरेज पाइपलाइन बिछाने के बाद मार्गों पर किया पैचवर्क भी तार-तार हो गया। निचले इलाकों में भी दिक्कतें रहीं। बारिश का दौर देर शाम तक जारी रहा।
डूबे मंदिर दत्त अखाड़ा घाट पर पहुंचा पानी
झमाझम बारिश से शिप्रा में उफान आ गया। शहर और आसपास के क्षेत्र में हुई बारिश के चलते शिप्रा नदी के घाटों तक पानी पहुंच गया है। घाटों पर बने मंदिर पूरी तरह से नदी के पानी में डूब गए हैं।
गंभीर में बढ़ा 27 एमसीएफटी पानी
अच्छी खबर यह रही कि उज्जैन सहित आसपास के क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से शहर में जलापूर्ति के मुख्य केंद्र गंभीर जलाशय में गुरुवार तक जलस्तर 1546 एमसीएफटी से बढ़कर 1573 एमसीएफटी हो गया। जबकि शुक्रवार दोपहर करीब 1.30 बजे तक डेम के 3 गेट खोले जाने की जानकारी सामने आई, हालांकि इस बारे में अधिकृत तौर पर कुछ पता नहीं चल सका। कुल 27 एमसीएफटी पानी की बढ़त रिकॉर्ड हुई। इधर, शिप्रा नदी जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
अब तक 453 मिमी बारिश, गत वर्ष से 90 मिमी कम
उज्जैन शहर में अब तक 453 मिमी बारिश हुई है। ये इस समयावधि में गत वर्ष हुई बारिश की तुलना में 90 मिमी कम है। गत वर्ष 7 अगस्त तक 543 मिमी पानी बरसा था। उज्जैन की औसत बारिश पूरे वर्षाकाल में 900 मिमी है। वर्षाकाल 15 जून से 15 सितंबर तक माना गया है।