आपने अक्सर देखा होगा, कुछ पेड़ों पर नीचे यानी जड़ों के ऊपर अक्सर सफेद या लाल, नीला रंग किया जाता है। सवाल यह है कि यह क्यों किया जाता है। क्या इसके पीछे कोई विज्ञान है या फिर यह हमें रास्ता बताने के लिए होते हैं कि आप सही मार्ग पर हैं।
यह पेड़ सरकार की संपत्ति है, वनविभाग की सर्विलांस में है
राजस्थान विश्वविद्यालय से पासआउट वोडाफोन कर्मचारी अभिषेक सिंह (Abhishek Singh) बताते हैं कि पेड़ों के तने के चारों ओर लाल और सफेद पेंट लगा होता है। खासकर जड़ों के ऊपर। कारण जानकर आप भी होंगे। ये पेंट वाइट वाश या चूना होता हैं। पेड़ों की पेंटिंग करने से, पेड़ की उम्र बढ़ जाती है, और पेड़ की सुरक्षा में भी सुधार होता है। क्योंकि इसकी कटाई नहीं की जा सकती है। पेड़ों पर की गई धारियाँ इस बात का संकेत हैं कि वे वन विभाग की नज़र में हैं। इस तरह से पेड़ की सुरक्षा बढ़ जाती है।
लाल और नीला रंग भी किया जाता है
हालांकि कुछ राज्यों में पेड़ों को रंगने के लिए केवल सफेद पेंट का उपयोग किया जाता है, लेकिन कई राज्यों में लाल और नीले रंगों का भी उपयोग किया जा रहा है। इस प्रकार, वन विभाग पेड़ों की सुरक्षा के लिए काम करता है।
जंगल में रास्ता भी बताते हैं
राजमार्ग सड़क के किनारे के पेड़ों को भी सफेद रंग से रंगा जाता है ताकि रात के दौरान ये पेड़ चमक के कारण आसानी से दिख सके। हालांकि, कई जगहों पर, इसलिए इन रंगों को कई रंगों से चित्रित किया जाता है। जैसे की सफेद, लाल, नीला आदि।
पेड़ में कीड़े नहीं लगते
पेड़ के निचले हिस्से में सफेद पेंट लगाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि ऐसा करने से पेड़ की नई छाल टूटने और फटने से बच जाती है। क्योंकि इस वजह से इस पर आसानी से कीड़े नहीं लग सकते है। अगर पेंट नहीं किया गया तो पेड़ों में कीड़ा लग सकता है, जिससे पेड़ों को नुकसान हो सकता है।
पेड़ की उम्र बढ़ जाती है
समय के साथ-साथ संक्रमण या कीट के हमले को आसानी से देखा और इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा पेंट करके इनमे आई दरारों को भरा जाता है जिनसे इनकी लाइफ बढ़ जाती है। वैसे भी नया पेड़ लगाने से अच्छा पुराने पेड़ों को बचाना ठीक रहता है