भोपाल। भिंड में चंबल नदी में आया उफान शांत नहीं हुआ था कि अब सिंध नदी ने भी रौद्र रूप दिखाया है, जिससे ऊमरी क्षेत्र के करीब 10 से ज्यादा गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। यहां पर प्रशासन ने लोगों को निकालने के लिए एयरलिफ्ट की तैयारी कर ली है। वहीं सेना का बचाव और राहत कार्य लगातार जारी है। सबसे ज्यादा भयावह स्थिति टेहनगुर में बनी है। यहां सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से आधा गांव डूब क्षेत्र में आ गया है। गांव में एक मंजिला मकानों के ऊपर तक पानी पहुंच गया।
नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज सिंह चौहान श्योपुर पहुंचे
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान बुधवार को चंबल नदी में आयी बाढ़ से प्रभावित जिले श्योपुर में प्रभावितों से मिलने पहुंचे। मंत्री तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने पिछले चार दिन से लगातार उफान पर चल रही नदियों के कारण श्योपुर जिले के 33 गांवों में खरीफ की फसलों को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार तत्काल किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की।
1500 लोगों को सेना ने रेस्क्यू किया
पिछले दो दिनों में प्रशासन ने चंबल नदी के किनारे बसे 08 गांवों से करीब 1500 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला है। कई गांवों में लोग अब भी फंसे हुए हैं, जिन्हें बुधवार को सुबह से ही सेना और एनडीआरएफ की टीम मोटर बोट के जरिए सुरक्षित स्थानों पर भेज रहे हैं।
प्रशासन ने की एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था
पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि कोटा बैराज से पानी बंद होने के दो दिन बाद जिले में स्थिति सामान्य होगी। उन्होंने चंबल का जलस्तर 129, 130 मीटर तक पहुंचने पर एयर लिफ्टिंग की भी तैयारी कर ली है। चंबल और सिंध नदियों का जल स्तर बढ़ने से रौन क्षेत्र के ग्राम हिलगवां, दोहाई, लोहचरा बाढ की चपेट में हैं।
मंत्री गोविंद सिंह पहुंचे प्रभावित इलाके में
प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने इन गांवों में पहुंचकर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। मंत्री ने ग्रामीणों से गांव खाली कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए कहा है। जिले के मछंड में पहुज नदी उफान पर आ जाने से लोंहचरा गांव का संपर्क टूट गया है। स्थानीय सांसद संध्या राय भी कल नाव से नावली वृंदावन गांव पहुंची। उन्होंने लोगों को बाहर आने की समझाइश दी।
चंबल के साथ सिंध नदी में भी उफान, 42 गांवों में हाईअलर्ट
वहीं लगातार चंबल में पानी बढ़ने की वजह से प्रशासन ने जिले 42 गांव में हाईअलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही मुनादी कराकर ग्रामीणों को कभी भी गांव खाली करने के लिए सूचित कर दिया है। चंबल नदी खतरे के निशान से 8.6 मीटर ऊपर 128.16 मीटर पर बह रही है। स्थिति यह है कि चंबल नदी के उदी घाट पर पुल पर जलस्तर मापने के लिए लगा मीटर पूरी तरह से डूब गया है। इस मीटर की क्षमता 127 मीटर है। मंगलवार को कोटा बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है, जिससे रात 11 बजे चंबल का जल स्तर 128.28 मीटर पहुंच गया था।
कछपुरा गांव का संपर्क कटा
अटेर क्षेत्र के कछपुरा गांव के चारों ओर पानी भर जाने से उसका संपर्क कट गया है। मंगलवार की सुबह गांव के अंदर पानी घुसने के बाद ग्रामीणों ने मदद के लिए प्रशासन को सूचना दी। गांव में करीब 150 लोग फंसे हुए थे। ऐसे में प्रशासन एनडीआरएफ को यहां रेस्क्यू कर ग्रामीणों को सुरक्षित लाने की जिम्मेदारी दी। एनडीआरएफ ने शाम करीब पांच बजे तक वहां रेस्क्यू कर 84 ग्रामीणों को बोट के जरिए बाहर निकाला।