12 साल की बच्ची को वैश्या बनाने बालविवाह कराया जा रहा था, पुलिस पर हमला

मंदसौर। बांछड़ा डेरों पर झारखंड से लाई गई एक नाबालिग लड़की का विवाह कराया जा रहा था ताकि उसे देहव्यापार में शामिल किया जा सके। पुलिस को इसकी सूचना मिल गई। पुलिस रोकने पहुंची तो बांछड़ा समाज के लोगों ने हमला कर दिया। बता दें कि देहव्यापार बांछड़ा समाज का परंपरागत पेशा है। बांछड़ा समाज के जीवन यापन का मुख्य साधन है। हमले में कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं। जबकि पुलिस ने 4 महिलाओं सहित 14 नामजद लोगों पर प्रकरण दर्ज किया है, तो 25 से अधिक लोगों की तलाश जारी है।

गरीबों की बेटियां खरीदकर वैश्यावृत्ति कराते हैं

मंदसौर जिले में बांछड़ा समाज में अब तक समाज की लड़कियों से वैश्यावृत्ति कराई जाती थी परंतु अब बांछड़ा समाज की लड़कियों ने इससे इंकार करना शुरू कर दिया है। वो पढ़ने के लिए दूसरे शहरों में जाने लगीं हैं, अत: समाज के लोग बिहार/झारखंड जैसे राज्यों में गरीबों की बेटियां खरीदकर लाते हैं और डेरे में लाकर उसका विवाह करा दिया जाता है। इसके बाद उसे वैश्या बना दिया जाता है। 

2 दिन पहले 2 नाबालिग लड़कियां, सहित 18 पकड़े थे

अभी 2 दिन पहले ही मल्हारगढ़ के सुंठोड गांव में पुलिस ने दबिश देकर वहां से दो नाबालिग सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिस्मफरोशी के इस काले कारोबार में धकेलने के लिए दूर-दूर से नाबालिग बालिकाओं को लाया जाता है। बाहर से लाई गई कई बालिकाओं को उन्हीं के माता-पिता शादी का झूठ बोलते हैं। उस वक्त उनकी उम्र खिलौनों से खेलने की होती है। ऐसे में कुछ मामले ऐसे होते हैं जो बाल विवाह होने से पहले ही बाहर आ जाते है तो कुछ गुमनाम रह जाते हैं।

पुलिस की दबिश में बड़ा खुलासा

मंदसौर के गांधीसागर थाना क्षेत्र के नावली गांव में पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में बीती रात दबिश दी थी, लेकिन पुलिस का कम बल गांव में पहुंचने से बाल विवाह में शामिल लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें दो पुलिसकर्मियों को मामूली चोट भी आईं। पथराव के कारण पुलिस पार्टी लौट गई लेकिन फिर कुछ देर बाद पूरा फोर्स गांव में पहुंचा और कार्रवाई की गई। पुलिस ने 14 लोगों पर नामजद अपराध पंजीकृत किया, जिसमें से 8 को गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने इन पर धारा 307, 353, 332, 323,147, 148, 149, 294, 506 व 427 आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार बाल विवाह में शामिल 12-13 वर्ष की बच्ची खुद को झारखंड का निवासी बता रही है और उसका कहना है कि उसके माता-पिता ही उसे यहां लेकर आये हैं।

2011 में 70 लड़कियां मुक्त कराईं गईं थीं

2011 में यहां से पुलिस ने 70 नाबालिग बालिकाएं बरामद की थीं जो देश के विभिन्न हिस्सों से अगवा कर लाई गई थीं। परंपरा के नाम पर बांछड़ा समुदाय के लोग इनसे बाद में देह व्यापार करवाते थे। कम उम्र में यहां लाकर छोड़ी गई थी या उन्हें अगवा करके चंद रुपयों के लालच में इन डेरो में धकेला गया था। गांधीसागर में हुए इस मामले में भी पुलिस यह जांच कर रही है कि कहीं बच्ची को अगवा कर तो नहीं लाया गया है।

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