भोपाल। आसमान से अब आफत बरस रही है। लोग खुला आसमान देखने के लिए तरस गए हैं। नदी नालों में बाढ़ आ रही है। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हजारों करोड़ की संपत्ति तबाह हो चुकी है। दर्जनों लोगों की बाढ़ की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश के 17 जिले अभी भी खतरे में है। मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
विभाग ने आज भी प्रदेश के 17 जिलों, इंदौर, धार, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, देवास, नीमच, मंदसौर, होशंगाबाद, बैतूल और हरदा जिलो में कहीं कहीं घनघोर बारिश होने की चेतावनी दी है। वहीं 20 जिलों भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, गुना, अशोकनगर, अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, रीवा, सागर, सिवनी, नरसिंहपुर जबलपुर, मंडला, कटनी, छिंदवाड़ा और बालाघाट जिलों में भारी से भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है।
भोपाल में जलभराव, विदिशा-रायसेन में बाढ़
भोपाल और आसपास के जिलों में चार दिन से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। विदिशा और रायसेन में बाढ़ के हालात बन गए हैं। वहीं भोपाल में शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है। इससे मंगलवार को दो पुराने मकान भी ढह गए। मंगलवार रात से जारी बारिश रुक-रुककर सुबह तक होती रही। इससे भदभदा के 3, कोलार के 4 और कलियासोत के 5 गेट खोलने पड़े हैं। वहीं 13 साल में पहली बार कोलार के सभी 8 गेट मंगलवार को शाम खोले गए। 2006 के बाद ऐसा हुआ।