भोपाल। मंत्री, नेता और नौकरशाहों की कमजोरियों का फायदा उठाकर उन्हे ब्लैकमेल करने वाले हनीट्रैप रैकेट से पूछताछ के दौरान अब तक 20 हाईप्रोफाइल लोगों के 90 वीडियो मिले हैं परंतु पुलिस ने इन्हे आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं लिया है। यह भी पता चला है कि इनसे कुल 15 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी। ब्लैकमेलिंग की रकम 50 लाख से 3 करोड़ रुपए प्रति व्यक्ति थी। यह रकम उसके रसूख और डर के आधार पर तय की जाती थी।
वीडियो फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए
गिरफ्तार की गई लड़कियों से जब्त मोबाइल और 8 सिम की जांच में करीब 90 वीडियो भी मिले हैं। इनमें से 30 वीडियो आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के हैं। पुलिस ने फिलहाल इन्हें रिकॉर्ड में नहीं लिया है। फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। यह भी चर्चा है कि ज्यादातर वीडियो श्वेता जैन पति विजय और श्वेता जैन पति स्वप्निल के हैं। इनसे जुड़ी 5-6 लड़कियां और हैं, जो इन्हें के साथ रैकेट में काम करती हैं। इन्हीं में से कुछ ने व्यक्तिगत तौर पर भी नौकरशाही और नेताओं के बीच दखल बढ़ाना शुरू किया।
राप्रसे और प्रमोटी आईएएस के अलावा करोबारियों के वीडियो भी
वीडियो में राज्य सेवा से जुड़े कई अधिकारी, प्रमोटी आईएएस और उद्योगपतियों के भी होने का अंदेशा है, जिसकी पड़ताल की जा रही है। कोर्ट ने श्वेता पति विजय जैन, श्वेता पति स्वप्निल जैन और बरखा अमित सोनी को निगम इंजीनियर से 3 करोड़ की डिमांड करने के मामले में जेल भेज दिया। जबकि अन्य आरोपी आरती दयाल, छात्रा मोनिका यादव और ड्राइवर ओमप्रकाश 22 सितंबर तक इंदौर पुलिस की रिमांड पर हैं।
ज्यादातर अफसर भोपाल और इंदौर से
ज्यादातर राज्य सेवा के अधिकारी इंदौर और भोपाल में पदस्थ रहे हैं। एडीजी स्तर के एक पुलिस अधिकारी पूर्व में इंदौर पोस्टिंग के दौरान इन महिलाओं के ज्यादा संपर्क में रहे। महिलाओं की इन अफसरों से मुलाकात भोपाल के एक नामी पुराने होटल के साथ इंदौर-भोपाल के फार्म हाउस में हुई। श्वेता जैन और पति स्वप्निल का भोपाल में एक नामी क्लब में खासा आना जाना रहा। यहां भी ये दोनों अफसरों को जाल में फांसने का काम करते थे। जिस रात पुलिस ने ब्लैकमेलर महिलाओं को हिरासत में लिया, उसके दूसरे ही दिन स्वप्निल को सुबह के समय इसी क्लब में देखा गया। एक पूर्व मंत्री के साथ एक महिला भारत के बाहर भी घूमने जा चुकी है।
7-8 तो ऐसे थे, जो इनके मकसद के बारे में जानते थे
ब्लैकमेलर महिलाओं के जाल में फंसने वाले 20 लोगों में 7-8 तो ऐसे थे, जो इनके मकसद के बारे में जानते थे। इसके बाद भी उनके संपर्क में बने रहे। बहरहाल, आरोपी महिलाओं के पास से मिली सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और एंड्रॉयड फोन का परीक्षण कर लिया गया है। यह गैंग व्यक्ति की पेइंग कैपेसिटी को देखकर किसी म्यूचुअल फ्रेंड के जरिए उन्हें जाल में फांसता था। इसके बाद ही सौदेबाजी शुरू होती थी।
खुलासे बहुत हैं, परंतु कानूनी शिकंजा कमजोर
प्रदेश के सीनियर आईएएस अफसर और इंदौर नगर निगम के इंजीनियर के साथ हुए हनी ट्रैप को पुलिस ने एक संगठित अपराध माना है। केवल यही दो मामले उजागर हुए, लेकिन गुपचुप तरीके से की गई कई डील भी सरकार के कानों तक पहुंच चुकी। यही वजह रही कि काउंटर इंटेलिजेंस एक्टिव हुआ। सरकार की हरी झंडी मिलते ही 15 सदस्यीय टीम ने इस शातिर गैंग पर नजर रखनी शुरू कर दी। अब तक की जांच में कई खुलासे सामने आए हैं परंतु कोर्ट में पुलिस लड़कियों को रिमांड पर लेने में नाकाम रही।
पुलिस पर दवाब: फटाफट फाइल क्लोज करो
हनी ट्रैप गैंग की महिलाओं और छात्रा से एटीएस और क्राइम ब्रांच ने ऐसे गोपनीय तरीके से पूछताछ कर रही है कि वह बाहर किसी को पता नहीं चल सके। पुलिस के अन्य अफसरों, कर्मचारियों को भी उन तक पहुंचने की इजाजत नहीं है। इन आरोपियों ने कई खुलासे किए हैं, पर अब पुलिस पर ये दबाव बनाया जा रहा है कि मामले को ज्यादा बढ़ाया न जाए।
रैकेट की लड़कियां वॉट्सएप कॉलिंग करतीं हैं
निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह दो दिन से अज्ञात जगह पर हैं। उनका फोन भी बंद है। भास्कर ने एफआईआर खंगाली तो उसमें उन्होंने लिखा- "उनकी एक महिला से दोस्ती है, जिससे बातें होती रहती है। वह ज्यादातर वॉट्सएप कॉलिंग कर बातें करती है। एक दिन महिला ने वीडियो भेजा। मैंने देखा तभी उसने डिलीट कर दिया। इससे वह सेव नहीं हो पाया, पर मुझे लगता है कि वह वीडियो मेरा है। अब वह मुझे वीडियो के नाम पर वॉटसएप कॉलिंग कर 3 करोड़ रुपए मांग रही है और धमकी दी जा रही है।"
लेट नाइट पार्टियों की शौकीन महिलाएं, मंत्री भी आते थे
हनी ट्रैप में पकड़े जाने वाली महिलाए लेट नाइट पार्टियों की शौकीन है। इनके मोबाइल फोन में शराब पार्टियों के कई वीडियो भी मिले। अक्सर शनिवार की रात को हाईवे पार्टी के नाम से इनकी पिकनिक होती रही। भोपाल-इंदौर फोरलेन रोड और सीहोर बायपास के रिसोर्ट, होटल या फॉर्म हाउस इसके लिए इस्तेमाल होते थे। इसमें आईएएस-आईपीएस अफसर को भी बुलाया जाता था। पिछले दिनों बुंदेलखंड से ही आने वाले एक मंत्री भी पार्टी में पहुंचे थे, जिसकी पोस्ट फेसबुक पर डाली गई थी। इस पोस्ट को मंत्री ने पता चलते ही हटवा दिया था।