इंदौर। मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार की गई लड़कियों की रिमांड 27 सितम्बर तक के लिए बढ़ा दी गई है। पूछताछ और जांच में 200 मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले हैं। इनकी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकतीं हैं जबकि सूत्रों का कहना है कि इस मामले में हेवी प्रेशर क्रिएट हो चुका है। इंजीनियर हरभजन सिंह के अलावा किसी का नाम सरकारी जांच के कागजों में दर्ज नहीं होगा।
दुश्मनों को निपटाने की सुपारी लेतीं थीं
जांच में यह भी पता चला है कि हनी ट्रैप रैकेट की लड़कियां नौकरशाहों और व्यापारियों के दुश्मनों को निपटाने की सुपारी लेतीं थीं। राजनेता, सीनियर नौकरशाह और बड़े व्यापारी इन महिलाओं को अपने दुश्मनों के पास भेजते थे। आरती दयाल ने सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह का नाम लिया है।
आपत्तिजनक वीडियो डिलीट करने का नाटक भी करती थीं
एटीएस ने इंदौर और भोपाल पुलिस के सामने हनीट्रैप की आरोपित श्वेता जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी से लंबी पूछताछ की तो सामने आया कि शिकार के फंसने के बाद आरोपित महिलाएं उनसे मोटी रकम ऐंठकर उनके सामने ही उनका आपत्तिजनक वीडियो डिलीट करने का नाटक भी करती थीं। जबकि, असल में महिलाएं वीडियो क्लिप संबंधित अफसरों को दे देती थीं। जो उन्हें अपने दुश्मनों के पास भेजते थे।
शिकार में फेंसे अफसरों के दोस्तों से भी मिलती थीं
साथ ही महिलाएं भी अपने पास वीडियो क्लिप सुरक्षित रखती थीं। उसके बाद दोबारा उस वीडियो क्लिप का उपयोग कोई काम निकालने के लिए करती थीं। संबंधित अफसर अपने दोस्तों को भी इनसे मिलवाते थे। एटीएस की पूछताछ में कई नेता, बिल्डर और वरिष्ठ नौकरशाहों के बारे में खुलासा हुआ कि ये लोग दोस्ती और दुश्मनी के लिए इनका उपयोग करते थे।
200 नंबरों की चल रही जांच
इंदौर पुलिस हनीट्रैप में शामिल महिलाओं से बरामद हुए मोबाइलों के कॉल डिटेल खंगाल रही है। पुलिस करीब 200 मोबाइल नंबरों की पहचान कर उनकी जांच कर रही है। इन नंबरों की जानकारी निकाली जा रही है। वहीं जांच के दौरान हनीट्रैप में शामिल एक महिला एक आईएएस अफसर के साथ भोपाल में लालघाटी स्थित होटल में पकड़ गई थी। उस समय एक राष्ट्रीय स्तर के नेता भोपाल आए थे। पुलिस सभी होटलो की चेकिंग कर रही थी। तभी यह मामला सामने आया था।