नई दिल्ली। देश एक बार फिर दहशत में है। इस बार मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की दहशत है। यह कुछ इस तरह की है कि ट्रैफिक पुलिस अचानक सर्वशक्तिमान हो गई है। कई शिकायतें आ रहीं कि पुलिस माना चालान काट रही है। सवाल जवाब किए तो पुलिस चालान में लिख देती है कि आरसी/डीसी नहीं दिखाए, परंतु पुलिस का अत्याचार सहन करने की जरूरत नहीं है और मौके पर धरना देने की जरूरत भी नहीं है। हम बताते हैं कि आप क्या कर सकते हैं।
पुलिस तत्काल चालान जमा करने को नहीं बोल सकती
यदि आपने रेड लाइट या जेब्रा क्रॉसिंग जम्प कर दी है या फिर आपके पास हेलमेट नहीं था और पुलिस ने आपको रोक लिया तो वो केवल उसी गलती के लिए चालान बना सकता है। यदि आपको लगता है कि आपने गलती नहीं की है और पुलिस कर्मचारी ने केवल इसलिए आपका चालान बना दिया क्योंकि आपने उससे सवाल जवाब कर लिए थे तो आपको तत्समय किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन की जरूरत नहीं है। पुलिस से चालान की कॉपी ले और आराम से घर चले जाएं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि पुलिस तत्काल चालान जमा करने को नहीं बोल सकती। ये 'चालान टू कोर्ट' हैं।
सड़क पर चालान काटने का नियम
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट इरशाद अहमद बताते हैं, जब भी पुलिसकर्मी आपके वाहन का चालान काटेगा तो चालान में उसे एक गवाह के साइन कराना भी जरूरी होगा। यह ऐसा गवाह होगा जो उस वक्त मौके पर मौजूद हो। जो पुलिस कर्मचारी ना हो। जो पुलिस कर्मचारी का रिश्तेदार या मित्र ना हो। जो पुलिस का मुखबिर ना हो। जिसने आपको रेड लाइट जम्प करते हुए देखा हो। या फिर जिसके सामने आपके वाहन के कागज चेक किए जा रहे हों।
चालान को कोर्ट में चैलेंज कैसे करें
इरशाद अहमद का कहना है कि आजकल जो चालान काटे जा रहे हैं वो चालान टू कोर्ट हैं। मतलब आपको मौके पर ही चालान की रकम जमा नहीं करनी है। आप उस इलाके की कोर्ट में जाकर चालान में दिखाई गई जुर्माने की रकम को जमा कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को समरी ट्रॉयल कहते हैं। अगर आपको लगता है कि आपका चालान गलत काटा गया है तो आप उसे कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं। मतलब चालान की रकम को भरने से मना कर सकते हैं। तब कोर्ट ट्रैफिक पुलिस से चालान काटते वक्त मौजूद गवाह को तलब करेगा और सवाल जवाब होंगे।