भोपाल। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के 217 में से 63 प्रावधानों को ही मप्र सहित देशभर में एक साथ लागू किया कर दिया गया है। इसमें भी खास बात यह है कि कुछ प्रावधान तो ऐसे भी हैं, जिनमें केंद्र द्वारा राज्य से ज्यादा फाइन लिया जाता है। वहीं, कुछ में राज्य भी केंद्र से अधिक शमन (समझौता) शुल्क लेता आ रहा है।
आमतौर पर किसी नाबालिग द्वारा बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर राज्य द्वारा 3000 रुपए का समझौता शुल्क वसूला जाता है, जबकि केंद्र ने नए प्रावधान के अनुसार इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपए और नाबालिग के अभिभावक को छह माह की जेल भेजने का परिवर्तन किया।
ऐसे ही प्रावधानों में राज्य अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए परिवर्तन करने जा रहा है। ऐसा ही मामला हेलमेट का है, जिसमें फाइन को 300 से बढ़ाकर 1500 रुपए तक कर दिया गया है, जबकि सेंट्रल एक्ट के तहत अब तक 300 रुपए ही लिए जा रहे थे, लेकिन राज्य इसमें अभी 250 रुपए लेता है। इसमें परिवर्तन किया जा सकता है।
इन एक्ट में हो सकेगा परिवर्तन
रेड लाइट जंप करने पर पहले प्रदेश में जुर्माना 500, जबकि केंद्र सरकार का 100 रुपए था, जिसे परिवर्तन के बाद अब चालक के पहली बार पकड़े जाने पर 1000 से 5000 तक, दूसरी बार पकड़े जाने पर 2000 से 10 हजार तक कर दिया है। परिवहन विभाग इसमें परिवर्तन कर कमी ला सकता है।
कार चलाते वक्त सीट बेल्ट न पहनने पर सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में वाहन चालक से 100 रुपए जुर्माना वसूलने का प्रावधान था, जबकि मप्र में इसके लिए चालक से 500 रुपए जुर्माना लिया जा रहा था।
केंद्र ने संशोधन कर मोटर व्हीकल एक्ट में सीट बेल्ट पहने बिना गाड़ी चलाने पर जुर्माना राशि 100 रुपए से बढ़ाकर 1 हजार की है।
राज्य सरकार इसमें बदलाव कर सकती है।
किसी यात्री गाड़ी को ओवरलोड कर चलाने पर जुर्माना 1 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दिया गया है, उसे भी बदला जा सकता है।
इन में भी नहीं हो सकेगा संशोधन
तीन लोगों को बैठाकर बाइक चलाने पर पहले 100 रुपए, अब 500 रुपए।
पॉल्युशन सर्टिफिकेट न होने पर पहले 100 रुपए, अब 500 रुपए।
बिना ड्राइविंग लाइसेंस पहले जुर्माना 500 रुपए, अब 5000 रुपए।
ओवर स्पीडिंग पर पहले 400 रुपए, अब 1000 से 2000 रुपए तक।
ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल फोन पर बात करने के दौरान पहले जुर्माना 1000 रुपए, अब 1000 से 5000 तक।
सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में हुए संशोधनों के परिप्रेक्ष्य में नया नोटिफिकेशन बनाने के संबंध में और पड़ोसी राज्यों की व्यवस्था की स्टडी करने के लिए सरकार से निर्देश मिले हैं। जल्द ही राज्य सरकार को समझौता शुल्क के संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा, जो गजट नोटिफिकेशन के बाद लागू होगा।
डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर