इंदौर। रीगल टॉकीज की 23 हजार 947 वर्गफीट जमीन पर लीज निरस्ती के बाद मंगलवार को नगर निगम ने कब्जा ले लिया। अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह नगर निगम की टीम के साथ रीगल टॉकीज का कब्जा लेने पहुंचे। यहां टीम ने टॉकीज में मौजूद लोगों को बाहर कर मुख्य गेट पर ताला लगाकर उसे सील कर दिया और जगह-जगह पर निगम के स्वामित्व वाले बोर्ड चश्पा कर दिए। निगम ने यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद की है।
1930 में होलकर शासनकाल में लीज पर दी थी जमीन
होलकर शासनकाल में 1930 में मनोरंजन केंद्र के लिए यह जमीन दी गई थी, जिसके बाद 1934 में यहां रीगल टॉकीज बना। वर्ष 2000 में निगम ने टॉकीज की लीज सितंबर 1998 से सितंबर 2018 तक के यानी 20 साल के लिए रिन्यू की थी। बीच में एक विवाद के दौरान 2008 में निगम ने टॉकीज की लीज निरस्त कर कब्जा ले लिया था। बाद में मामला हाई कोर्ट गया। वहां से स्टे मिलने के बाद टॉकीज दोबारा शुरू हुआ। 2017 में निगम ने सड़क चौड़ीकरण के लिए टॉकीज की कुछ जमीन ली थी और नई बाउंड्रीवॉल बनवाई थी।
अपर आयुक्त कब्जा दिलवाने मौके पर पहुंचे
मामले में हाई कोर्ट ने टॉकीज प्रबंधन का आवेदन खारिज कर दिया और जस्टिस वीरेंद्र सिंह के फैसले की कॉपी सोमवार को जारी कर दी गई। इसके साथ ही जूनी इंदौर एसडीएम शाश्वत शर्मा ने मप्र लोक परिसर बेदखली एक्ट के तहत जो आदेश जारी किया था, वह लागू हो गया है। आदेश में रीगल टॉकीज की जमीन पर निगम को 48 घंटे में कब्जा लेने को कहा गया था।
रीगल टॉकीज का मामला कोर्ट में चल रहा था
इधर, फैसला पक्ष में आने के बाद निगम सुप्रीम कोर्ट में कैविएट लगाने जा रहा है, ताकि टॉकीज प्रबंधन स्टे न ले सके। निगम के अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने बताया कि वैधानिक राय लेने के बाद कोर्ट के जरिए रीगल टॉकीज की जमीन पर कब्जा लेंगे।