ग्वालियर। एक रेत व्यवसायी ने पड़ोसी शिक्षक को मकान बेचने का झांसा देकर 30 लाख रुपए ठग लिए। घटना महाराजपुरा थाना क्षेत्र के डीडी नगर की है। जब शिक्षक कब्जा लेने पहुंचे तो पता चला कि जिस मकान का उन्होंने सौदा किया है, उनसे पहले ही एक अन्य व्यवसायी को बेच दिया गया है। ठगी का पता चलते ही पीडि़त थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।
महाराजपुरा थाना क्षेत्र के 113 डीडी नगर निवासी वीरेन्द्र सिंह पुत्र रणसिंह कुशवाह (Virendra Singh's son Ranasingh Kushwaha) शिक्षक हैं और अभी भिण्ड में पदस्थ हैं। उनके पड़ोस में रेत व्यवसायी (Sand businessman) धर्मेन्द्र पुत्र श्याम सुन्दर सोलंकी (Dharmendra Putra Shyam Sundar Solanki) रहते है। उन्होंने अपना मकान बेचने की बात वीरेन्द्र से की, तो वीरेन्द्र उनका मकान खरीदने के लिए तैयार हो गया और तय किए गए 30 लाख रुपए उन्हें देकर रजिस्ट्री करा ली। रजिस्ट्री करने के बाद धर्मेन्द्र ने कुछ दिन तक घर में रहने की मोहलत मांगी और धीरे-धीरे अपना सामान सेवड़ा दतिया ट्रांसफर कर दिया और एक दिन वह भी गायब हो गया।
उनके जाते ही मकान में राहुल पुत्र हृदेश गांधी का परिवार रहने आ गया। इसका पता जब उन्हें चला तो वे कब्जा लेने पहुंचे तो पता चला कि इस मकान को उनसे पहले धर्मेन्द्र ने राहुल को बेचा है। इसका पता चलते ही वे थाने पहुंचे और मामले की शिकायत की। पुलिस ने उनकी शिकायत की जांच के बाद ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।
वकील को फर्जी प्लॉट बेच दिया
उधर विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के पटेल नगर निवासी अनिल मिश्रा पेशे से अभिभाषक हैं और जनवरी 2018 में उनके बेटे मयंक के नाम गोहद मौ निवासी चंद्रशेखर मिश्रा व उनके साथियों नरेश शर्मा और सतीश से सुरेश नगर थाटीपुर में एक जमीन का सौदा तय किया था। अनुबंध करने के बाद जब उन्होंने रजिस्ट्री के लिए कहा, तो पहले चंद्रशेखर तथा उसके साथी टरकाते रहे, शंका हुई तो उन्होंने जांच की तो पता चला कि इस जमीन के तो वे मालिक ही नहीं थे। ठगी का पता चलते ही वे थाने पहुंचे और मामले की शिकायत की। शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।