भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग का 'तबादला कांड' जारी है। मध्य प्रदेश के नीमच में शिक्षा विभाग ने ऐसे 45 स्कूलों में शिक्षकों के तबादले कर दिए जो 1 साल पहले ही बंद कर दिए गए थे। अब प्रश्न यह है कि तबादला होकर आए शिक्षकों का क्या होगा। यदि किसी और स्कूल में समायोजित किया गया तो अतिशेष हो जाएंगे।
अधिकारी जिम्मेदार तो लीपापोती शुरू
नीमच जिला से करीब 40 किलोमीटर दूर जावद उपखण्ड का अंबा एक गाँव है जहां शिवराज सरकार के वक्त पिछले सत्र में ही शासकीय माध्यमिक पाठशाला बंद कर दी गई थी। ऐसे में यहां अगर स्कूल बंद है तो कैसे सरकार ने यहां शिक्षक की पोस्टिंग कर दी। ऐसा एक दो नहीं जिले के 45 बंद स्कूलों में से अधिकांश में शिक्षकों के तबादले कर दिए गए। इस लापरवाही के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे है। वहीं मामला सामने आने के बाद शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दो-तीन दिनों में जिले के सभी स्कूलों से जानकारी मंगवाई गई है। स्कूलों से विद्यार्थियों की संख्या, स्वीकृत पद, पदस्थ और रिक्त पद के साथ ही अतिशेष शिक्षकों की जानकारी मंगवाई गई है। इस लापरवाही के बाद अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
पोर्टल के आधार पर तबादले
जिले में जो तबादले हुए हैं उनकी वजह से कुछ व्यवस्था गड़बड़ाई है। स्वैच्छिक और प्रशासनिक आधार पर तबादले हुए हैं। पोर्टल के आधार पर तबादले हुए हैं। इस कारण जिन स्कूलों में एक भी बच्चा नहीं है वहां भी 45 शिक्षकों को भेज दिया गया। अब युक्तियुक्तकरण के माध्यम से व्यवस्था बनाई जाएगी।