ग्वालियर। चंबल में आई बाढ़ से ग्वालियर अंचल के तीन जिलों में हालात सामान्य नहीं हुए। मंगलवार को मुरैना, श्योपुर और भिंड में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी रहा। इस बीच मुरैना के महुआ में एक युवक की डूबने से मौत हो गई।
मुरैना में अफसरों और विधायकों ने हेलिकॉप्टर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्र की स्थिति को देखा। दल को 6 गांवों की स्थिति ज्यादा गंभीर मिली। इस बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंचे। वहीं भिंड में 200 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। इस बीच श्योपुर में भी 30 से ज्यादा लोगों को निकाला गया। इस बीच राहत की बात यह है कि कोटा-बैराज से अभी तक 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, जो अब घटाकर 2 लाख क्यूसेक कर दिया गया है।
हवाई सर्वेक्षण के दौरान अंबाह क्षेत्र के मलबसई, किसरोली, बीलपुर, कक्ष पुरा, आरोली, बीच का पुरा, घेर गांव में अधिक स्थिति खराब मिली। इन गांवों में लोग ऊंचाई पर शरण लिए हुए हैं। इधर अंबाह के चुसलई गांव में स्थिति खराब होने पर मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व कलेक्टर प्रियंकादास मय बचाव दल के पहुंची और लोगों को गांव से बाहर निकलवाया।
हालांकि चंबल में सोमवार रात से करीब 0.90 मीटर पानी कम हुआ है, लेकिन अभी भी राजघाटपुल से करीब दो मीटर ऊपर यानी 144.10 मीटर पर पानी बह रहा था। अभी तक प्रशासन दो हजार ग्रामीणों का रेस्क्यू कर चुका है। गौरतलब है कि चंबल में उफान की वजह से जिले के 89 गांव प्रभावित हुए हैं।
मंगलवार को अटेर का चौम्हो, कछपुरा गांव बाढ़ से घिर गया। कलेक्टर छोटे सिंह और एसपी रूडोल्फ अल्वारेस ने मुआयना कर इन गांवों में सेना और एनडीआरएफ की टीम से रेस्क्यू कर 200 लोगों को सुरक्षित बाहर निकलवाया। बाढ़ का कहर कम होने के बजाए और बढ़ता जा रहा है।
चंबल में आए उफान से अब सिंध नदी उफन रही है। सिंध में उफान से मंगलवार को लहार विधानसभा के 9 गांव और भिंड विधानसभा के 6 गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। भिंड के टेहनगुर गांव में 2 मकान धाराशायी हो गए। यहां कई लोगों के मकान डूब में आ गए हैं।
चंबल नदी खतरे के निशान से 4 फीट नीचे आ गई। 54 घंटे बाद श्योपुर पाली हाइवे पर ट्रैफिक शुरू हुआ, लेकिन पार्वती नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है और 9वें दिन मंगलवार को भी खातौली पुल पानी में 14 फीट तक डूबा हुआ है। वीरपुर का डिमरछा और सांथर गांव चंबल और पार्वती नदी से घिरा हुआ है। 3 दिन से इन गांवों में 1500 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। मंगलवार दोपहर से रेस्क्यू शुरू हुआ है और अब तक 30 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाल लिया है।