भारत में दशकों से लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने और उस पर बचत खातों से ज्यादा ब्याज पाने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करते आए हैं। FD यानी बैंक से मिला एक कागज जिस पर लिखा होता है कि आज आपने कितना धन जमा किया, एक निर्धारित अवधि के बाद आपको कितना धन प्राप्त होगा। लेकिन अब FD में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब ये डीमैट फॉर्मेट में जारी की जाएंगी।
मोदी सरकार द्वारा गठित समिति ने सुझाव दिया है
दरअसल, फाइनेंशियल सेक्टर में टेक्नोलॉजी (फिनटेक) के इस्तेमाल को लेकर सरकार की ओर से गठित एक समिति ने FD को डीमैट फॉर्मेट में जारी करने का सुझाव दिया है। इस सुझाव के लागू होने की स्थिति में ग्राहकों को सहूलियत होगी। इसके साथ ही यह बेहद सुरक्षित भी है।
डीमैट फॉर्मेट क्या होता है
यहां बता दें कि डीमैट फॉर्मेट एक खास तरह का अकाउंट होता है। यह शेयर बाजार में उपयोग किया जाता है। इस अकाउंट में फ्रॉड नामुमकिन सा है। हालांकि इसके लिए ग्राहकों को 'नो योर कस्टमर' यानी KYC की प्रक्रिया पूरी करानी होती है। KYC से आपका फाइनेंशियल प्रोडक्ट और सिक्योर हो जाता है।
समिति ने एफडी के अलावा अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट को भी डीमैट फॉर्मेट में जारी करने के लिए उचित नियामकीय और विधायी बदलाव किए जाने का सुझाव दिया है। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को डाकघरों और अन्य इकाइयों के पास रखी सभी फाइनेंशियल प्रॉपर्टी को डीमैट फॉर्मेट में बदलने के लिए अभियान चलाना चाहिए।
जहां तक संभव हो इन्हें डीमैट रूप में बदला जाना चाहिए, नहीं तो इन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाना चाहिए। बहरहाल, समिति ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है। अब यह देखना अहम है कि इस रिपोर्ट पर कब तक फैसला होता है।