भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस दशकों से इसी तरह बेलगाम है। कार्यकर्ताओं को आप किसी भी काम के लिए बुलाइए, वो 'मेरा नेता जिंदाबाद' के अलावा कुछ करते ही नहीं। केंद्र सरकार का विरोध करने एकजुट हुए कांग्रेसी विरोध प्रदर्शन करने के बजाए 'मेरा नेता जिंदाबाद' के नारे लगाने लगे। लाचार स्कूल टीचर की तरह प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया भड़कते रहे और चुप हो गए। बता दें कि बावरिया पिछले 1 माह में कोई चौथी बार 'मेरा नेता जिंदाबाद' नारों के खिलाफ भड़के हैं। यह बात और है कि उनकी बात पर ध्यान कोई नहीं देता।
विरोध प्रदर्शन के लिए आए थे, 'मेरा नेता जिंदाबाद' करने लगे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने रविवार को कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार के विरोध में आयोजित किए गए धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान कहा 'कुछ लोगों को नारेबाजी का बहुत शौक है। अपने लीडर के पक्ष में नारीबाजी करते हैं। पार्टी में नारेबाजी कर वातावरण शोकजनक मत कीजिए। कभी मीटिंग में तो कभी कार्यक्रमों में नारेबाजी कर अपने ही नेताओं का मूल्य कम क्यों करते हैं? मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से निवेदन करूंगा कि एक नारेबाजी सेल आप लोगों के लिए बना दें। वहां जाकर आप लोग खूब नारेबाजी करना।' नारेबाजी से भड़के बावरिया ने मंच से खुलकर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की खरी-खरी सुनाई। बात दें कि रोशनपुरा चौराहा पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग मदों में 32 हजार 171 करोड़ रोके जाने के विरोध में धरना दिया था।
लाचार दीपक बावरिया अनुशासनहीनता पर तंज कसते रहे
दीपक बावरिया ने कहा कि लगता है अब आप लोगों के लिए अलग से नारेबाजी की प्रतियोगिता का आयोजन करना होगा। तब आप लोग खूब नारेबाजी करना। इस प्रतिस्पर्धा में नंबर वन आने वालों को इनाम देंगे, लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों और मीटिंगों में व्यक्तिगत नेताओं के नाम की नारेबाजी नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव के समय नारेबाजी बंद करने को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया था। प्रदेश में कदम रखते ही नारेबाजी का विरोध किया था। यह पार्टी को कमजोर करती है।
ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका
धरना प्रदर्शन के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने राजभवन तक ज्ञापन देने के लिए पैदल मार्च शुरू किया। पुलिस ने पहले राजभवन के पहले ही बैरिकेड लगाकर कांग्रेसियों को रोक लिया। इसके विरोध में कांग्रेसियों और पुलिस प्रशासन के बीच बहसबाजी भी हुई। कुछ देर बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन लिया।