मैनिट छात्रा लक्षिका मेहरा की मौत का रहस्य गहराया | BHOPAL NEWS

भोपाल। मैनिट से एमटेक कर रही छात्रा लक्षिका मेहरा की मौत का रहस्य गहरा गया है। उसके मृत्युपूर्व बयान, घटना की परिस्थितियों से मेल नहीं खा रहे हैं। पिता को समझ नहीं आ रहा कि क्या हुआ और क्यों हुआ। पुलिस छानबीन में जुटी है। यह कम से कम आत्महत्या का मामला तो नहीं है। पिता ने उसे कुछ दिनों से तनाव में रहने और एक जूनियर से विवाद होने का आरोप लगाया है। 

शरीर का पिछला हिस्सा ही आग से झुलसा

मैनिट से एमटेक कर रही छात्रा लक्षिका मेहरा शरीर का पिछला हिस्सा ही आग से झुलसा है, जहां खुद पेट्रोल उड़ेलना थोड़ा मुश्किल है। अब सवाल ये है कि छात्रा घर से करीब 25 किमी दूर गई क्यों और यदि उसे किसी ने जलाया है तो उसने अपने बयान में किसी का नाम क्यों नहीं लिया? थाना प्रभारी जेपी त्रिपाठी के मुताबिक मजिस्ट्रेट द्वारा लिए गए मृत्युपूर्व बयान में लक्षिका ने खुद ही पेट्रोल डालकर आग लगाने की बात कही है। घटनास्थल, थाने से 4 किमी आगे सेमरी जोड़ पर है। जब वह झुलसने लगी तो बचने के लिए उसने पानी से भरे खेत में छलांग लगा दी थी। 

अब रातीबड़ पुलिस तलाशेगी इन 4 सवालों के जवाब 

1- लक्षिका ने यदि खुद आग लगाई तो केवल पीठ और कमर का हिस्सा ही क्यों झुलसा?
2- कॉलेज से करीब 13 किमी दूर क्या वह अकेले गई थी?
3- छात्रा ने झुलसने के बाद सुनील नामक युवक को कॉल क्यों लगवाया?
4- यदि यह खुदकुशी नहीं है तो छात्रा ने मृत्यु पूर्व दिए अपने बयान में किसी का नाम क्यों नहीं लिया? 

पिता बोले- अंजान कॉल से मिली झुलसने की खबर 

वर्धमान ग्रीन पार्क, अशोका गार्डन में रहने वाले लक्षिका के पिता रामराज मेहरा ने बताया रोज की तरह 9 सितंबर 2019 की सुबह साढ़े आठ बजे घर से निकलने से पहले इकलौती बेटी लक्षिका ने मुझसे पॉकेट मनी ली और कॉलेज चली गई। करीब दो घंटे बाद मेरे पास एक अंजान नंबर से कॉल आया तो पता चला कि घर से करीब 25 किमी दूर लक्षिका झुलसी हालत में मिली है। मैंने कॉलर से कहा कि आप उसे अस्पताल लेकर पहुंचिए, मैं भी आता हूं। हमारी मुलाकात स्पॉट से करीब सात किमी दूर हुई। हम लक्षिका को लेकर चिरायु अस्पताल आ गए। वह 70 फीसदी झुलस चुकी थी, इसलिए डॉक्टरों ने उसे हमीदिया अस्पताल रैफर कर दिया। यहां आठ दिन चले इलाज के बाद सोमवार शाम सात बजे उसने दम तोड़ दिया। उसने ऐसा क्यों किया, यह समझ नहीं पा रहा हूं। 

पिता से पहले लगवाया एक सुनील को फोन लगवाया था

रामराज कहते हैं मुझे कॉल लगवाने से पहले लक्षिका ने पहले एक दोस्त सुनील को कॉल लगवाया था। उसने रिस्पांस नहीं दिया तो मुझसे बात हुई। मैंने पूछा, कैसे जल गई बेटा, तो बोली- पता नहीं पापा। वह कुछ दिनों से तनाव में लग रही थी। सुनील से उसका एक दिन पहले विवाद हुआ था। मैंने पूछा वहां गई क्यों थी? जवाब मिला-पापा एक कॉलेज में कैंपस था, इसलिए चली गई थी।
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