भोपाल। मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप गैंग के खुलासे जारी हैं। पता चला है कि इस गैंग से जुड़ी एक महिला के एनजीओ को भोपाल नगर निगम में भी काम मिला है। जो करीब दो-तीन साल से अनवरत जारी है। लगातार बताया जा रहा है कि कुछ आईएएस आईपीएस अधिकारियों के बीच इन महिलाओं की मजबूत पकड़ थी।
खुलासे से पहले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से मीटिंग चल रही थी
सूत्रों के मुताबिक, गिरोह की एक महिला कुछ महीने पहले एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी के संपर्क में आई तो उसने उसे फायदा पहुंचाने के लिए रास्ता ढूंढने का भरोसा दिलाया। इस अधिकारी के पास महिला कई बार पहुंची। उसकी अधिकारी के कक्ष में सीधी एंट्री थी। अधिकारी वैज्ञानिक जांच से जुड़ी सामग्री की खरीदी के लिए महिला के साथ कई बैठकें कर चुका था, लेकिन इसी बीच गिरोह का राजफाश हो गया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों की संलिप्तता के चलते इस गिरोह को राजनीतिक रंग देकर जांच की दिशा को मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी पता चला है कि गिरोह की सदस्य श्वेता विजय जैन रुतबा दिखाने के लिए जिस मर्सडीज में घूमती थी, वह महाराष्ट्र के पनवेल से खरीदी गई थी।
कुछ और अधिकारी भी सुर्खियों में हैं
सूत्र बताते हैं कि जिन अधिकारियों के नाम गिरोह से संबंध के तौर पर चर्चा में हैं, उनमें से एक अधिकारी की पिछले दिनों सीडी सार्वजनिक हो चुकी है। एक अन्य आलाधिकारी भाजपा सरकार में जितना ताकतवर था, उतना ही आज भी है। हालांकि, इस सरकार ने उनका अभी विभाग बदला है। वहीं, एक और आलाधिकारी के चर्चे महिलाओं के साथ संबंधों के कारण भाजपा सरकार के समय भी रहे हैं। पुलिस अधिकारियों में एक आलाधिकारी वह भी है, जो भाजपा सरकार के कार्यकाल में फील्ड में ही रहा था। उनके भाजपा के राष्ट्रीय नेता से अच्छे संबंध हैं। सूत्रों के मुताबिक गिरोह से जुड़ी एक महिला के एनजीओ को भोपाल नगर निगम में भी काम मिला है। जो करीब दो-तीन साल से अनवरत जारी है।