भोपाल। प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुए खटलापुरा घाट हादसे के बाद कलेक्टर ने नवरात्र महोत्सव पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कलेक्टर ने ना केवल दुर्गा प्रतिमाओं की ऊंचाई पर प्रतिबंध लगा दिया है बल्कि एक ऐसा फार्म तैयार करके मूर्तिकार और झांकी पंडाल संचालकों तक पहुंचा दिया है कि लोग प्रशासन की शर्तें पढ़कर नवरात्र महोत्सव के आयोजन की योजना ही त्याग दें। अब सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कलेक्टर तरूण पिथौड़े के खिलाफ ताल ठोक दी है। ऐलान किया है कि प्रतिमाओं की ऊंचाई कम नहीं होगी।
हम हिंदू सब नियमों का पालन करते हैं
सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का कहना है कि जिला प्रशासन के अधिकारी अपना दोष जनता पर मढ़ रहे हैं। मूर्तिकारों का कोई दोष नहीं है। प्रशासन अपनी लापरवाही मूर्तिकारों पर मढ़ रहा है। सांसद ने कहा, 'हिंदुओं को दबा देंगे तो अपने आप शांति हो जाएगी। प्रशासन को अपनी गलती समझनी चाहिए। हम हिंदू सब नियमों का पालन करते हैं। जब भी तीज-त्योहार आता है, हिंदू अपनी परंपराओं को निभाने आगे आते हैं तो कांग्रेस सरकार विरोध करने लगती है। मूर्तिकारों को इतना बड़ा फॉर्म दे दिया गया है और फॉर्म के जरिए सारी गलती मूर्तिकारों पर थोप दी गई है।
कलेक्टर ने मेरी बात नहीं मानी, अब प्रदर्शन होगा
मूर्तिकारों को लेकर सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि वह कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगी। भाजपा सांसद ने आरोप लगाया, 'कलेक्टर से मैंने इस मामले पर बात भी की थी, लेकिन उन्होंने मेरी बात पर ध्यान ही नहीं दिया।' सांसद ने मूर्तिकारों की दलील का समर्थन देते हुए कहा कि मूर्तियों की ऊंचाई कम नहीं की जाएगी। शासन की लापरवाही से जो हादसा हुआ है, उसे समाज के ऊपर थोपने का काम प्रशासन न करे।
मूर्तिकारों ने प्रज्ञा ठाकुर ने मदद मांगी है
इससे पहले मूर्तिकारों ने जिला-प्रशासन से मिले रजिस्ट्रेशन फॉर्म को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। मूर्तिकारों ने इस मामले को लेकर सांसद से मुलाकात कर इस फॉर्म को निरस्त कराने की मांग की है। मूर्तिकारों का कहना है कि मूर्ति की ऊंचाई के साथ अगर कुछ भी गलत होता है, उसके लिए झांकी समिति के लोग जिम्मेदार होंगे। मूर्तिकारों को जो फॉर्म भरने को कहा गया है, वह गलत है। शासन का यह फैसला मूर्तिकारों को स्वीकार नहीं है।