भोपाल। प्रशासनिक लापरवाही की वजह से खटलापुरा में श्री गणेश विसर्जन के दौरान भोपाल के 11 परिवारों के घर के चिराग बुझ गए उस रात किस SDM और CSP को खटलापुरा विसर्जन घाट का जिम्मा सौपा गया था ? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी ? इन सवालों के जवाब आज भी भोपाल की जनता जानना चाहती है पर जिला प्रशासन ने खुद अपने आप को दोष मुक्त करके भगवान की लंबाई को इस पूरी घटना की असल वजह मान लिया है यह बात हुज़ूर विधानसभा से विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कही।
देवी देवताओं की मूर्ति का आकार तय करने का अधिकार प्रशासन को किसने दिया
गौरतलब है कि खटलापुरा की घटना के बाद भोपाल जिला प्रशासन प्रतिमाओं को छोटा बनाने का दवाब मूर्ति निर्माताओं पर बना रहा है जिस पर भोपाल के हिन्दू संगठनों ने कड़ी आलोचना की है। इस पूरे मामले पर विधायक शर्मा ने भी जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हिन्दू धर्म के देवी देवताओं की मूर्ति का रंग रूप आकार पूजा पद्धति तय करने का अधिकार जिला प्रशासन को किसने दिया। मूर्ति की लंबाई तय करने का काम जिला प्रशासन का नही है। जिला प्रशासन का काम समाज मे धार्मिक आयोजनों को सुरक्षा और कानून व्यवस्था कायम रखने का है।
ताजियों पर प्रतिबंध लगाकर दिखाए
विधायक शर्मा ने कहा कि श्रीगणेश और दुर्गा महोत्सव हिन्दुओ के आस्था के केंद्र है इनपर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध हमे बर्दास्त नही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार अगर प्रतिबंध लगाना चाहती है तो वह ताजियों पर लगाकर दिखाए। विधायक शर्मा ने कहा कि किसके आदेश पर जिला प्रशासन दुर्गा जी की प्रतिमा छोटा करने का तुगलकी फरमान निकाल रहा है कमल नाथ सरकार के पास अगर हिन्दुओ के तीज त्यौहार की सुरक्षा देने का सामर्थ्य नही है तो वह स्पष्ट करें हिन्दू इतना कमजोर नही की वह सरकार के साथ सुरक्षा के लिए अपने धर्म का समझौता करे।