इंदौर। शिक्षकों को बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ड्यूटी से मुक्त किया तो अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगा दी गई है। इससे हजारों बच्चों का दो वक्त का खाना और जरूरी दवाइयों का वितरण मुश्किल में पड़ जाएगा। वहीं हाल ही में आंगनबाड़ियों में शुरू हुआ प्री स्कूल भी खटाई में पड़ेगा। इधर सितंबर में चल रहे पोषण माह के जागरूकता कार्यक्रम भी ठप पड़ने की संभावना है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब निभानी होगी BLO की ड्यूटी
फिलहाल 800 कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लग चुकी है, अभी और आदेश निकलने का सिलसिला जारी है। हालांकि अफसरों का कहना है कि कार्यकर्ता को सेंटर के काम के साथ-साथ बीएलओ का कार्य देखना है, इससे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। शिक्षा विभाग के बाद अब महिला बाल विकास विभाग का अमला चुनावी ड्यूटी को लेकर परेशान हो रहा है। लंबे आंदोलन और विरोध के बाद हाल ही में प्रशासन ने सभी शिक्षकों को ड्यूटी से मुक्त किया है। बरसों से शिक्षक बीएलओ बने हुए थे जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। शिक्षकों को हटाए जाने से शिक्षा विभाग में खुशी छा गई लेकिन अभी महिला बाल विकास के अधिकारी-कर्मचारी दुखी हो गए हैं। शिक्षकों के स्थान पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आदेश निकलने शुरू हो गए।
जिले में कुल 1600 कार्यकर्ता हैं, इनमें से अब तक करीब 800 कार्यकर्ताओं के नाम के बीएलओ ड्यूटी के आदेश निकल चुके हैं। अब सवाल यह उठता है कि सभी कार्यकर्ता बीएलओ ड्यूटी करेंगी तो सेंटर पर आने वाले बच्चों का क्या होगा? इससे बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार, विटामिन-प्रोटीन की गोलियां, सुबह का नाश्ता, दिन का भोजन, थर्ड मिल, टेकहोम राशन आदि प्रभावित होंगे। कार्यकर्ताओं में इसे लेकर विरोध शुरू हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, करीब 1100 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बीएलओ ड्यूटी लगाई जानी है। जल्द ही अन्य कार्यकर्ताओं के भी आदेश जारी होने की संभावना है। एक के बाद एक आदेश जारी होने से महिला बाल विकास विभाग में खलबली मच गई है। बीएलओ ड्यूटी में सुबह 10 से 5 बजे तक बूथ पर बैठना होता है जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक समय रहता है।
इधर कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब सहायिकाओं के भरोसे सेंटर छोड़ना पड़ेगा। बच्चों के विकास व स्वास्थ्य से संबंधित सभी योजनाएं ठप हो जाएंगी। इससे पोषण आहार का वितरण, गर्भवती की गोद भराई, आयरन की गोली का वितरण, अस्पताल में प्रसव करवाना, शिशु का टीकाकरण सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
शासन के आदेश के मुताबिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की दो माह के लिए ड्यूटी लगाई गई है। कार्यकर्ता को अपने आंगनबाड़ी के काम के साथ-साथ बीएलओ का काम देखना है। फिलहाल बीएलओ का काम बहुत ज्यादा नहीं है इसीलिए परेशानी नहीं होगी। आंगनबाड़ी का कार्य प्रभावित होने की बात भी हमने रखी है। इस समस्या के निराकरण के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
बीएल पासी, कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, इंदौर