पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय अभियान, CM के नाम ज्ञापन सौंपा

Bhopal Samachar
छिंदवाड़ा। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय अभियान, मध्यप्रदेश (NMOPS/MP) के प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड के नेशनल पेंशन स्कीम के पात्र कर्मचारियो ने माननीय प्रधानमंत्री जी, भारत शासन एवं माननीय मुख्यमंत्री जी मध्यप्रदेश से ज्ञापन के माध्यम से पुरानी पेंशन (OPS)/पारिवारिक पेंशन बहाली की मांग रखी।माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी से ज्ञापन के माध्यम से निवेदन करते हुए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) धारी कर्मचारियो ने कहा कि- 

केन्द्र शासन ने 1 जनवरी 2004 से अध्यादेश लाकर केन्द्रीय कर्मचारियो/अधिकारियो की पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन बंद कर दी है।केन्द्र शासन के अनुपालन में मध्यप्रदेश शासन ने 1 जनवरी 2005 से राज्य शासन के कर्मचारियो की पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन बंद कर दी।पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन से वंचित संख्या देश में लगभग 60 लाख है जिसमें मध्यप्रदेश की संख्या लगभग 6•5 लाख है।इसमे भी 1•5 लाख कर्मचारी मध्यप्रदेश में ऐसे है जो 1 जनवरी 2005 के पहले नियुक्त होने के बावजूद पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन के लाभ से वंचित है।

पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन बंद कर केंद्र शासन ने इसके स्थान पर नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का प्रावधान किया और इससे मिलने वाली पेंशन राशि के खुब सब्जबाग दिखाए गये थे लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम पूरी तरह अव्यवहारिक सिद्ध हो रही है।जिसके कारण कर्मचारियो/अधिकारियो का सेवानिवृत्ति भविष्य और बुढापा असुरक्षित हो गया है।परिणामतः देशभर के पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन विहीन  कर्मचारी/अधिकारी निराश, असंतुष्ट और आक्रोशित महसूस कर रहे है।वर्तमान में नेशनल पेंशन स्कीम में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि सेवारत कर्मचारी/अधिकारी की सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु हो जाती है तो जमा समस्त राशि सरकार द्वारा जब्त कर ली जाएगी और उसके परिवार के सदस्यो को किसी प्रकार का लाभ नही दिया जाएगा जो दुखद विषय तो है ही यह भी सिद्ध होता है कि केन्द्र और राज्य शासन कर्मचारियो/अधिकारियो के प्रति अपने सामाजिक उत्तरदायित्व से भाग रही है।नेशनल पेंशन स्कीम शेयर बाजार आधारित है जिसमें जमा राशि के डूबने का जोखिम हमेशा बना रहता है।

पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन कर्मचारियो/अधिकारियो का संवैधानिक अधिकार है इस आशय की मंशा विभिन्न प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय व्यक्त कर चुका है।नेशनल पेंशन स्कीम कर्मचारियो/अधिकारियो पर जबरन थोप दी गई है।कर्मचारियो/अधिकारियो की केन्द्र और राज्य शासन से यह भी शिकायत है कि पुरानी पेंशन/पारिवारिक  पेंशन या नेशनल पेंशन स्कीम में से किसी एक के विकल्प चयन का अवसर नही दिया गया।

व्यवहार में नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी/अधिकारी को मिलने वाली अत्यंत न्युन पेंशन राशि से स्वयं का भी उदर पोषण किया जाना संभव नही है तो स्वाभाविक है कि वह पारिवारिक, सामाजिक दायित्वो का पालन करने में पूरी तरह सक्षम नही होगा।समग्र चिंतन करने के पश्चात कर्मचारी/अधिकारी पाते है की उनके भविष्य और बुढापे की सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन/पारिवारिक  पेंशन को बहाल किया जाना अनिवार्य है।

अतः महोदय जी से विनम्र निवेदन है कि पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन विहीन कर्मचारियो/अधिकारियो के भविष्य और बुढापे के हितो को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन/पारिवारिक पेंशन बहाल की जाए।

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