श्योपुर। विजयपुर नगर परिषद में सीएमओ अजीज खान ने अपने बेटे एवं 5 साल से नियमित काम कर रहे संविदा कर्मचारी अल्लारख्खा खान को अनियमितता का आरोप लगाकर नौकरी से बर्खास्त कर दिया, लेकिन यह मामला संविदा कर्मचारी को प्रताड़ित किए जाने का नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार को छुपाने का है। आरोप है कि सीएमओ ने बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज होने से पहले उसे बर्खास्त कर दिया ताकि उसे जेल जाने से बचाया जा सके।
सीएमओ के बेटे पर भ्रष्टाचार के आरोप
सीएमओ अजीज खान ने शुक्रवार देर शाम एक आदेश जारी बेटे अल्लारख्खा खान की नियुक्ति को अवैध मानते हुए उसकी संविदा समाप्त कर दी है। आदेश में अल्लारख्खा पर आरोप है कि उसने पीएम आवास हितग्राहियों से रिश्वत ली एवं नपा के वाहन का निजी कार्यों में उपयोग किया है।
एक दिन का प्रभारी सीएमओ बनकर अपने बेटे की नियुक्ति की
अल्लारख्खा की संविदा पर नियुक्ति 2014 में हुई। उस समय नप के अध्यक्ष हरिनारायण कुशवाह और सीएमओ गनी खान थे, लेकिन जिस दिन परिषद ने अल्लारख्खा को संविदा पर रखने का फैसला किया उस दिन की प्रोसीडिंग (परिषद के प्रस्ताव) पर बतौर सीएमओ अजीज खान के हस्ताक्षर हुए थे। मामले में मोड़ आठ दिन पहले आया जब पार्षद रचना श्रीवास, श्रीनिवास जाटव, आशा मरैया, सुशीला राठौर, अलताफ खान आदि ने शिकायत की थी कि, सीएमओ पुत्र की नौकरी फर्जी है। इसके बाद अध्यक्ष रिंकी गोयल ने जांच के आदेश दिए।
नप से गायब हुई भर्ती की फाइल
मामले की जांच के लिए अल्लारख्खा की नियुक्ति से जुड़ी फाइल पेश करने के लिए सीएमओ व अध्यक्ष ने नप के स्थापना प्रभारी ईसुरिया कुशवाह को कई पत्र लिखे, लेकिन ईसुरिया कुशवाह ने हर बार जवाब दिया कि ऐसी कोई फाइल रिकार्ड में नहीं है, यानी सीएमओ पुत्र की संविदा भर्ती की फाइल ही नपा से गायब हो गई।
फाइल कहां गई, मुझे क्या पता: सीएमओ
मैंने कुछ ऐसे कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति खत्म कर दी थी जो काम नहीं कर रहे थे। वे अध्यक्ष पति के निजी कामों में व्यस्त रहते थे। इसी दुर्भावना के चक्कर में मेरे बेटे की शिकायत करवाई और उसे नौकरी से निकलवा दिया। उसकी नियुक्ति परिषद ने की थी। अब उसकी फाइल कहां गायब कर दी, यह भी नहीं पता।
अजीज खान, सीएमओ, विजयपुर।