जबलपुर। एनडीपीएस (NDPS) की विशेष अदालत (Special court) ने एक अहम फैसले (Decisions) में कहा कि बेगुनाह युवक को फंसाने के लिए पुलिस ने बेलबाग थाने में बैठकर खेल रचा। बिना FIR के की गई जब्ती इस बात का प्रमाण है। विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार पाठक की अदालत ने कहा कि आरोपित को फंसाने की योजना थाने में बनाई गई। इस मत के साथ कोर्ट ने भानतलैया निवासी युवक को निर्दोष करार दे दिया।
अभियोजन के अनुसार भानतलैया, जबलपुर निवासी अज्जू उर्फ अजय चक्रवर्ती (Ajju alias Ajay Chakraborty) को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अवैध गांजे के साथ गिरफ्तार किया। आरोपित की ओर से अधिवक्ता महावीर संदीप जैन ने दलील दी कि पुलिस ने आरोपित से रिश्वत की मांग की, न देने पर उस पर अवैध गांजे का प्रकरण लगा दिया गया। पहले थाने में बैठकर एफआईआर दर्ज की गई और जब्ती के कागजातों पर अपराध क्रमांक दर्ज कर दिया गया।
जबकि नियमानुसार मादक पदार्थ जब्ती के दौरान अपराध क्रमांक दर्ज नहीं किया जाता। एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद यह प्रक्रिया की जाती है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपित को बेगुनाह ठहराया।