भोपाल। वीके सिंह को मध्य प्रदेश पुलिस के मुखिया यानी पुलिस महानिदेशक जिसे डीजीपी के नाम से पुकारा जाता है, की कुर्सी पर काम करते हुए 8 महीने हो गए परंतु अब तक वीके सिंह की डीजीपी पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हई है। बता दें कि वीके सिंह आईपीएस इन दिनों सहयोगी आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा के साथ विवादों के कारण सुर्खियों में हैं।
पिछले माह सिलेक्शन कमेटी के पास पैनल भेजा गया
1984 बैच के आईपीएस अफसर वीके सिंह को डीजीपी बने हुए करीब 8 माह हो गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई गाइड लाइन के अनुसार नियुक्ति की प्रक्रिया अब पूरी हो रही है। पिछले माह ही 1988 बैच तक के 32 अधिकारियों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिलेक्शन कमेटी को भेजा गया है। कमेटी ने सभी आईपीएस अधिकारियों की एसीआर और सर्विस रिकॉर्ड को लेकर कुछ जानकारी और बुलाई थीं, जिसे पिछले सप्ताह ही गृह विभाग ने भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया तय की थी
अब यूपीएससी की कमेटी तीन नाम का पैनल राज्य सरकार को भेजेगी, इसी में एक नाम पर मुहर लगना तय है। चूंकि सबसे सीनियर वीके सिंह हैं, इसीलिए उनके ही नाम पर मुहर लग सकती है। बता दें कि 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि ‘देश भर में डीजीपी की नियुक्ति की एक प्रक्रिया हो। यूपीएससी की कमेटी तीन नाम का पैनल बनाए और राज्य सरकार उसमें से एक को चुने।’ राज्यों ने इनका पालन नहीं किया। अपील में गए और 2018 में कोर्ट ने पूर्व के डायरेक्शन को ही यथावत रखते हुए सभी को पालन करने को कहा। इसी के बाद मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने राज्यों से रिपोर्ट ली। तब मप्र में यह प्रक्रिया प्रारंभ की गई।