भोपाल। हनी ट्रैप मामले में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ है। स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने सीएम कमलनाथ से फोन पर बात करके डीजीपी वीके सिंह की शिकायत की है। उन्होंने सामने आकर कहा कि उनका नाम बेवजह हनी ट्रैप में घसीटा जा रहा है।
डीजीपी वीके सिंह पुलिस अधिकारियों की छवि खराब कर रहे हैं: आरोप
अब स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने आरोप लगाए हैं कि उनका नाम जबरिया हनी ट्रैप में घसीटा जा रहा है। उन्होंने सीएम से फोन पर बातचीत कर डीजीपी वीके सिंह की शिकायत भी की। उनका आरोप है कि वीके सिंह पुलिस विभाग और उनके अधिकारियों की छवि खराब कर रहे हैं। ये बहुत दुर्भाग्यपूण हैं।
हां, मैने सीएम से बात की है
पुरुषोत्तम शर्मा आईपीएस ने मीडिया से कहा कि उन्होंने सीएम को शिकायत की है। फिलहाल वो केरल में हैं। लौटने के बाद आईपीएस एसोसिएशन को पत्र लिखकर शिकायत करेंगे। पुरुषोत्तम शर्मा के इन आरोपों पर अभी तक डीजीपी और पुलिस मुख्यालय की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
यह है टंटे की जड़
झगड़े की जड़ गाजियाबाद में लिए गए किराये के उस फ्लैट से जुड़ा है, जिसे इसी महीने एसटीएफ के स्पेशल डीजी पुरूषोत्तम शर्मा ने अधिकारियों की सहमति पर लिया था.. लेकिन डीजीपी वीके सिंह ने इस फ्लैट को खाली करा लिया। अब कहा जा रहा है कि फ्लैट के तार हनीट्रैप से जुड़े होने की वजह से ये फैसला लिया गया।
रिटायर्ड आईएएस और पूर्व मंत्री की पत्नी
नोटबंदी के दौरान भी एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हनीट्रैप गैंग पर मेहरबान थे। उन्होंने भोपाल की आरोपी महिला के पति के NGO को एक करोड़ की फंडिंग की थी। ये रिटायर्ड अफसर बर्खास्त IAS दम्पती के बैचमेट हैं। शिक्षा विभाग से जुड़े एक पूर्व मंत्री की पत्नी के भी बर्खास्त IAS दंपति से रिश्तेदारी थी। आरोपी युवती के पति के NGO में इन्हीं पूर्व मंत्री की पत्नी की पार्टनशिप है।
दिल्ली से सारे देश के नेताओं पर शिकंजा
आरोपी महिलाएं 2013 से 2016 तक अधिकांश समय दिल्ली में मौजूद थीं। दिल्ली में रहकर उन्होंने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और यूपी सहित दूसरे राज्यों के कई राजनेताओं और अफसरों को अपना शिकार बनाया।