भोपाल। वनमंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर बहुत बड़ा हमला कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश में सक्रिय खनन माफिया और शराब माफिया के लिए ऐजेंट की तरह काम कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बयान दिया कि मध्य प्रदेश में अवैध उत्खनन हो रहा है। जबकि कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था।
सिंघार ने मीडिया के सामने बयान दिया
सिंघार ने मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिंह पर गंभीर आरोप लगाए कमलनाथ सरकार में वन मंत्री उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह को एजेंट बताया है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय रिमोट से सरकार चलाते हैं। वहीं राज्य में शराब और रेत के कारोबारियों के सिर पर उनका हाथ है। सिंघार ने इससे पहले दिग्विजय सिंह के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था। ।
सीबीआई जांच कराओ, सब पता चल जाएगा
सिंघार ने कहा, "राज्य में कांग्रेस सरकार जिन मुद्दों को लेकर सत्ता में आई है उन्हें पूरा करना हमारा लक्ष्य है। राज्य में रेत खनन और अवैध शराब के कारोबार को दिग्विजय सिंह का संरक्षण है। रेत, शराब और परिवहन का इतिहास है, सबको पता है, अगर इसकी सीबीआई जांच हो जाए तो पता चल जाएगा कि वे कहां-कहां उलझे हुए हैं।"
इतने बड़े नेता नहीं है कि, कुछ भी कहें
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सिंह द्वारा मंत्रियों को लिखे पत्र पर सवाल उठाते हुए वन मंत्री ने कहा कि, "एक तो उन्होंने पत्र लिखा और फिर उसे वायरल किया, इसके जरिए वे खुद को शेडो मुख्यमंत्री बताना चाह रहे हैं। अगर कोई पार्टी को नुकसान पहुंचाता है तो आवाज उठाना उनका काम है, लेकिन इतने बड़े नेता नहीं है कि, कुछ भी कहें।"
दिग्विजय सिंह ने क्या लिखा था
ज्ञात हो कि, पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने राज्य के सभी मंत्रियों को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, "मेरे द्वारा जनवरी 2019 से 15 अगस्त 2019 तक स्थानांतरण सहित विविध विषयों से संबंधित आवेदन पत्र आवश्यक कार्यवाही हेतु आपको भेजे गए थे। मेरे द्वारा आपको पृथक से पत्र लिखकर मेरे पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराने और यदि किसी प्रकरण में कार्यवाही संभव नहीं है तो उसकी जानकारी देने का भी अनुरोध किया गया था। मेरे द्वारा आपको भेजे गए उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही के बारे में जानने के लिये मैं आपसे 31 अगस्त 2019 के पूर्व भेंट करना चाहता हूं। कृपया 31 अगस्त 2019 से पूर्व मुझे भेंट हेतु समय प्रदान करने का कष्ट करें।"
सोनिया गांधी से शिकायत की थी
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो वन मंत्री सिंघार ने उन पर हमला बोला था और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था, "कमलनाथ सरकार को पार्टी के ही कद्दावर नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह अस्थिर कर स्वयं को मप्र पॉवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे हैं। वे लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।" उन्होंने आगे लिखा, "इसी कड़ी में पिछले शुक्रवार को दिग्विजय सिंह ने सभी मंत्रियों को एक पत्र लिखा और उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया।"
सिंहस्थ घोटाले में चुप रहते हैं दिग्विजय सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह पर हमला करते हुए सिंघार ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाला, ई-टेडरिंग घोटाला और वृक्षरोपण घोटाला को लेकर तो मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखे, किंतु वे सिंहस्थ घोटाले को लेकर कुछ नहीं कहते, क्योंकि सिंहस्थ घोटाले से संबंधित विभाग उनके पुत्र जयवर्धन सिंह के पास है।"समर्थक मंत्री इमरती देवी ने कहा कि 'महाराज पीछे नहीं हटें' हम उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं। इधर भोपाल में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि उमंग सिंघार खुद पीसीसी चीफ बनना चाहते थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उमंग सिंघार को मिलने बुलाया है।
सिंधिया ने भी कहा: अवैध खनन हो रहा है
आज सुबह दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस से सिंधिया ग्वालियर पहुंचे। यहां उनका स्वागत करने हजारों की संख्या में उनके समर्थक स्टेशन पहुंचे थे। स्टेशन पर ही उन्होंने मीडिया से कहा कि जो पार्टी हाईकमान फैसला करेगा वो सर्वमान्य होगा। वहीं मध्य प्रदेश में हो रहे अवैध खनन से जुड़े सवाल पर सिंधिया ने कहा कि, मुझे दुख है कि अभी भी प्रदेश में अवैध उत्खनन हो रहा है। जबकि हमने चुनाव प्रचार में साफ तौर पर कहा था कि कांग्रेस सरकार में अवैध उत्खनन नहीं होगा। ऐसे में जो भी लोग इस खेल में लगे हुए हैं, उन पर सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी ने कहा कि हम सभी की दिली इच्छा है कि सिंधिया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने। महाराज के पीछे नहीं हटना चाहिए।
कानून मंत्री ने कहा सिंघार खुद अध्यक्ष बनना चाहते थे
मंगलवार सुबह प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि वनमंत्री उमंग सिंघार खुद प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे। जब बड़े नेताओ के रेस में आने के बाद पिछड़ गए तो ऐसे बयान दे रहे हैं। इधर खबर है कि उमंग सिंघार को आज मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मिलने बुलाया है।