सागर शहर का इतिहास

Bhopal Samachar
समझा जाता है कि इसका नाम ‘सागर’ उस विशाल सागर झील (लाखा बंजारा झील) के कारण पड़ा, जिसके किनारे नगर स्थित है। [बुन्देलखण्ड]सागर सागर को स्मार्ट सिटी योजना मे शामिल किया गया है। वर्तमान में सागर जिले में 11 जनपद पंचायतें हैं। जिनके अंतर्गत 755 ग्राम पंचायतें आती हैं। 

10 नगरीय निकाय हैं। सागर शहर नगर निगम की सीमा में आता है। सागर संभागीय मुख्यालय भी है। जिसके अंतर्गत 6 जिले सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी आते हैं। सागर जिले की स्थापना सन 1860 में हुई, सागर के प्रथम डिप्टी कमिश्नर केप्टिन जी एफ एस ब्राउन दिनांक 1-8-1860 से 19-9-1861 तक पदस्थ रहे,

[सागर विश्वविध्यालय] मध्यप्रदेश का पहला और देश का 16वां विश्वविध्यालय था। इसकी स्थापना 18 जुलाई 1946 को डॉ. हरीसिंह गौर ने अपनी जीवन की अर्जित सारी कमाई दान कर की थी। यह दुनिया में इस प्रकार के दान का अनूठा मामला है। इस विश्वविद्यालय को हम हम डॉ॰ हरीसिह गौर विश्वविध्यालय के नाम से जानते है। वर्ष 2009 में इसे केन्द्रीय विश्वविध्यालय का दर्जा मिल गया।

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