भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही EOW का उपयोग सीबीआई की तरह शुरू हुआ। नरोत्तम मिश्रा मामले में साफ नजर आया। EOW ने नरोत्तम मिश्रा के चारों तरफ शिकंजा कसा, दो निजी सहायक, एक कारोबारी मित्र और कुछ किसानों पर शिकंजा कसा गया और अचानक सारी जांच प्रक्रिया शिथिल हो गई। अब गिरफ्तर की गई कथित नरोत्तम मिश्रा टीम की रिहाई भी हो गई है।
निजी सहायक वीरेंद्र पांडे के बाद अब निर्मल अवस्थी को भी भोपाल जिला अदालत ने जमानत दे दी है। EOW ने इस बार कोई विरोध नहीं किया। कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है। शर्त के अनुसार अब निर्मल अवस्थी देश के बाहर भी नहीं जा सकते। जल संसाधन विभाग के तीन टेंडरों में हुई गड़बड़ियों के आरोप में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दो निजी सहायकों वीरेंद्र पाण्डे और निर्मल अवस्थी को गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ के बाद कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया था। जिसके लिए दोनों ने भोपाल जिला अदालत में जमानत के लिए याचिका भी दायर की थी, लेकिन ईओडब्ल्यू की आपत्ति के बाद दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। जबलपुर हाईकोर्ट ने वीरेंद्र पांडे की जमानत पर मंजूरी दे दी थी। इसी के आधार पर भोपाल जिला अदालत ने भी निर्मल अवस्थी को शर्तों के साथ जमानत दे दी है।