भोपाल। पिछले दिनों मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया था कि वो सिंहस्थ घोटाला को लेकर कोई पत्र क्यों नहीं लिखते। उसके बाद खुलासा हुआ था कि सिंहस्थ घोटाला की जांच अनुशंसा वाली फाइल सीएम कमलनाथ के पास रखी हुई है। अब EOW ने सिंहस्थ घोटाला की जांच शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि EOW ने सिंहस्थ घोटाले के 6 अलग- अलग मामलों में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, जिसमें एलईडी लाइट, शौचालय, इलेक्ट्रिक पोल, डिवाइडर और पानी की टंकी खरीदी शामिल हैं। अब EOW इनको लेकर जानकारियां जुटाकर रिकॉर्ड तैयार कर रहा है। साल 2016 में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हुए सिंहस्थ मेले में विपक्ष ने घोटाले का आरोप लगाया था, जिसको लेकर अब ईओडब्ल्यू ने 6 मामलों की जांच शुरू कर दी है।
ईओडब्ल्यू ने इन शिकायतों को लेकर अब रिकॉर्ड जुटाने शुरू कर दिए हैं। ईओडब्ल्यू को मिली शिकायतों में पानी की टंकी, शौचालय निर्माण और इलेक्ट्रिक पोल की खरीदी में अनियमितताओं को लेकर उज्जैन नगर निगम और प्रदेश के अलग-अलग सरकारी विभागों के अधिकारियों पर आरोप लगे हैं।
आरोप इस प्रकार हैं
1- दो हजार LED लाइट्स गुम है, जिनकी कीमत करीब 3.6 करोड़ रुपये है, इस मामले में नगर निगम उज्जैन और एचपीएल एंड पॉवर सर्विसेज के अधिकारियों पर घोटाले के आरोप लगे हैं।
2- 434 पानी की टंकियां और स्टैंड स्टोर शाखा में जमा नहीं किये गए हैं, इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दो इंजीनियर्स पर घोटाले के आरोप लगे हैं।
3- मेला क्षेत्र में ट्रांसफार्मर और पोल के लिए 17 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था, लेकिन इसे वापस खोलने के लिए अलग से करीब साढ़े 4 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया, इस मामले में एमपीएसीबी के एक अधिकारी पर आरोप लगे हैं।
4- सिंहस्थ के दौरान 2.9 किलोमीटर डिवाइडर बनाने, विद्युत पोल और लाइट लगाने के लिए 1.11 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था, लेकिन महज 900 मीटर ही काम किया गया, पर भुगतान पूरे काम का किया गया है. इस मामले में लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारी जांच के घेरे में हैं।
5- मेले के हर पड़ाव पर 500 शौचालय और 10 चेजिंग रूम में भी मानक के अनुरूप कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई, इस मामले में नगर निगम उज्जैन के सफाई विभाग पर घोटाले के आरोप लगे हैं।
6- होल्ड अप फैन्स के लिए अजंता वायर एन्ड फेब्रिकेशन वर्क्स को 12 करोड़ रुपये के क्रय का आदेश दिया गया था, लेकिन फर्म को 3 हजार रुपये की सामग्री के बदले 6 हजार रुपये से भी ज्यादा का भुगतान किया गया।
सिंहस्थ को लेकर हुई इन 6 शिकायतों पर EOW की टीम अब बारीकी से जांच कर रही है और साथ ही शिकायतों के आधार पर रिकॉर्ड भी जुटाना शुरू कर दिया है। प्रारंभिक जांच के बाद इन शिकायतों के आधार पर FIR भी दर्ज की जा सकती है, साथ ही इस घोटाले में कई वरिष्ठ अधिकारी राजनेता और तत्कालीन मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है।