ग्वालियर। पत्नी व सास से प्रताडि़त एम्बुलेंस चालक जान देने के लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंचा और ट्रैन के सामने दौड़ लगा दी। मामले का पता चलते ही पुलिस की डायल 100 और अन्य पुलिस जवान मौके पर पहुंचे और किसी तरह उसे बचाया। घटना झांसी रोड थाना क्षेत्र स्थित महलगांव रेलवे ट्रैक की है। घटना का पता चलते ही पुलिस अफसर थाने पहुंचे और करीब दो घंटे काउंसलिंग कर युवक को समझाया, तब कहीं युवक शांत हुआ।
पुलिस ने घेराबंदी की, संजीव चकमा देता रहा
सीएसपी विश्वविद्यालय मुनीष राजौरिया ने बताया कि मूलत: दतिया निवासी संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) पेशे से चालक है और 108 एम्बुलेंस चलाता है। अभी वह किराए का कमरा लेकर नाका चंद्रबदनी स्थित गली नंबर चार में रहता है। वह जान देने की धमकी देकर घर से निकल आया। उसके घर से निकलते ही परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस कंट्रोल रूम ने सभी प्वाइंट व एफआरवी को अलर्ट किया। वह माधौनगर चौराहे पर पहुंचा तो पुलिस जवानों ने उसे रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखते ही संजीव ने हरिशंकरपुरम में दौड़ लगा दी। पुलिस जवानों ने पीछा किया और कंट्रोल को युवक के रेलवे ट्रैक पर जाने की सूचना दी। सूचना मिलते ही एफआरवी फूलबाग मौके पर पहुंची और रेलवे ट्रैक पर की ट्रेन तरफ दौड़ लगा रहे युवक को पकड़ा और झांसी रोड थाने लेकर आए।
दो घंटे युवक की काउंसलिंग की
मामले का पता चलते ही सीएसपी मुनीष राजौरिया, थाना प्रभारी महेश शर्मा और सब इंस्पेक्टर महेन्द्र प्रजापति मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे युवक की काउंसलिंग की, तब कहीं वह शांत हुआ और आश्वासन दिया कि वह फिर से इस तरह की प्रयास नहीं करेंगा।
पत्नी आरक्षक है, इसलिए प्रताड़ित करती है
संजीव ने पुलिस अफसरों को बताया कि उसकी पत्नी एसएएफ में आरक्षक है और वह तथा उसकी मां उसे प्रताडि़त करती हैं। उनकी प्रताडऩा से तंग आकर ही उसने यह कदम उठाया था। पुलिस अफसरों ने पत्नी तथा सास व संजीव को थाने बुलाया है, जिससे उनकी काउंसलिंग की जा सके। इनकी रही सराहनीय भूमिका-सीएसपी मुनीष राजौरिया ने बताया कि युवक को ट्रेन के सामने आने से रोकने में डायल 100 फूलबाग पर तैनात पायलट राधे झा, आरक्षक दर्शन सिंह और आरक्षक अंकुर शर्मा की सराहनीय भूमिका रही। वे अगर समय पर नहीं पहुंचते तो घटना बड़ी हो सकती थी।