इंदौर। पहले पैसा फिर पॉवर और पॉलिटिक्स के लिए श्वेता जैन ने कारोबार शुरू किया। वो भाजपा के राज में खूब फलफूल रही थी। कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस नेता की पत्नी बरखा को भी जोड़ लिया। काम तेजी से बढ़ रहा था। अब यह केवल ब्लैकमेलिंग तक सीमित नहीं था। इधर खुफिया ऐजेंसियां सक्रिय हो चुकीं थीं। बेखबर श्वेता तेजी से अपनी टीम बढ़ा रही थी। सूत्रों का कहना है कि टीम साइस 40 है। केवल 6 पकड़ी गईं हैं।
एसीएस का वीडियो वायरल होने के बाद खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया था
दो माह पहले एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) का वीडियो वायरल होने के बाद से ही प्रदेश का खुफिया तंत्र सक्रिय हो चुका था। 17 सितंबर को हरभजन सिंह ने पलासिया थाने पहुंचे और आरती दयाल के खिलाफ ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। रिपोर्ट में आरती के अलावा दूसरे नामजद आरोपित नहीं थे। शिकायत के बाद पुलिस ने आरती, मोनिका, उनके वाहन चालक के अलावा श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी को भोपाल से गिरफ्तार कर लिया।
श्वेता की दूसरी में थी आरती, मोनिका और रूपा
राजनेता, आईएएस और बड़े अधिकारियों से पहचान बढ़ाने का काम दोनों श्वेता और बरखा करती थीं। उन्होंने अपनी दूसरी टीम तैयार कर ली थी। इनमें आरती, मोनिका, रूपा जैसी युवतियां हैं। यह टीम बड़े लोगों को अपना शिकार बनाती थी और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थी। वीडियो के बदले दोनों श्वेता और बरखा पैसा वसूलने, ठेके दिलवाने, अधिकारियों की मनचाही पदस्थापना जैसे काम कराने लगी थी।
कांग्रेस की सरकार बनी तो श्वेता ने बरखा को शामिल कर लिया
श्वेता जैन कई बार भाजपा के आयोजन में देखी जा चुकी है और राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर तक के नेताओं के संपर्क में थी। बरखा कांग्रेस से जुड़ी थी। उसका पति अमित कांग्रेस के आईटी सेल में पदाधिकारी था। तीन महीने पहले उसे हटाया गया था। नई सरकार बनने के बाद बरखा इस गैंग से जुड़ी थी। यह इसलिए ताकि कांग्रेस सरकार में भी काम आसानी से होते रहें और यदि कोई बात आए तो कांग्रेस अपनी बदनामी के डर से चुप रहे।