इंदौर। गणेशोत्सव का उत्साह साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। गणेश मंडलों और स्थापित होने वाली प्रतिमाओं की संख्या के मान से मुंबई व समूचे महाराष्ट्र और सूरत के बाद देश में मिनी मुंबई यानी इंदौर में ही गणेशोत्सव सबसे भव्य रूप में मनाया जाता है। यह इनपुट मुंबई, सूरत और इंदौर के नगर निगम से मिला है।
चतुर्थी पर सोमवार को शहर में करीब 1 लाख 15 हजार प्रतिमाएं विराजित हुईं। शहर में करीब 6 लाख परिवार हैं। यानी हर छठे घर में गणेश स्थापना होगी। 300 वर्ग किमी में फैले शहर में इस बार करीब 1370 गणेश पंडालों ने अनुमति ली है। यानी हर 2500 मीटर पर एक पंडाल होगा। नौ दशक पहले मुंबई से आई इस परंपरा का उत्साह साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। इस बार खजराना गणेश मंदिर में चतुर्थी को ही दो करोड़ के स्वर्ण आभूषणों से शृंगार किया गया। वहीं पालदा जैसे क्षेत्र में भी गणेश प्रतिमा मुंबई से बुलाई गई है, वह भी सवा लाख रु. की लागत से।
इंदौर में क्या खास
शहर में 9 बड़े पांडाल हैं, जहां विशाल प्रतिमाएं स्थापित होंगी।
75 से ज्यादा स्थानों पर मध्यम श्रेणी के पंडाल। यहां प्रतिमाओं की कीमत औसत 50 हजार है।
मुंबई 2700 से ज्यादा सार्वजनिक गणेशोत्सव, विसर्जन कृत्रिम तालाब में
ग्रेटर मुंबई में क्या हो रहा है
ग्रेटर मुंबई में इस बार 2700 से ज्यादा सार्वजनिक गणेशोत्सव और घरेलू 80 हजार से ज्यादा मूर्तियां स्थापित होंगी। 2 लाख से ज्यादा प्रतिमाएं डेढ़ दिन के लिए स्थापित होंगी। {कृत्रिम कुंड बनवाए जाते हैं। मुंबई से दूरस्थ इलाकों में बड़े कुंड बनाकर वहीं विसर्जन करते हैं।
सूरत 7377 सार्वजनिक पंडाल, 70 हजार से ज्यादा मूर्तियां स्थापित होती हैं
सूरत से क्या रिपोर्ट आई
सूरत में 7377 सार्वजनिक पंडाल हर साल अनुमति लेते हैं। 70 हजार से ज्यादा मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। {मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए शहर में करीब 22 जगहों पर कृत्रिम तालाब बनाए जाते हैं। इस वर्ष 21 बनाए जाएंगे। विसर्जन का समय खत्म होते ही सड़कों की सफाई।