इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के नगर निगम की महापौर मालिनी गौड़ एवं तात्कालिक कमिश्नर मनीष सिंह आईएएस सहित 23 अन्य के खिलाफ मनचाहे ठेकेदारों को नियमों के विरुद्ध बगैर टेंडर करोड़ों रुपए का भुगतान करने संबंधी शिकायत लोकायुक्त से की गई थी। कांग्रेस महासचिव द्वारा की गई इस शिकायत पर लोकायुक्त ने जांच प्रारंभ कर दी है।
जानकारी के अनुसार कांग्रेस महासचिव दिलीप कौशल ने महापौर मालिनी गौड़, तात्कालिक निगम आयुक्त मनीष सिंह सहित निगम के 23 अधिकारियों के खिलाफ नियमों का उल्लंघन कर ठेके देने की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की थी। जिसे लोकायुक्त भोपाल द्वारा स्वीकार कर शिकायत क्रमांक 203/2019 पंजीबद्ध कर जांच शुरु कर दी गई है। मामले में उप पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह भदौरिया ने आरोपियों को नोटिस जारी कर अपराध से जुड़ी सभी फाइलों को स्वयं लेकर उपस्थित होने के निर्देश जारी किए है।
शिकायत में कहा गया है कि नगर निगम विधान तथा पीडब्लूडी के नियमों के अनुसार अतिरिक्त्त स्वीकृति 10 से 25 फीसदी तक देने का उल्लेख है। वहीं निगम के कामकाज संचालन प्रक्रिया एवं मध्यप्रदेश राजपत्र अनुसार एक लाख रुपए से अधिक के काम का टेंडर बुलाया जाना जरूरी है। परंतु नगर निगम की महापौर ने एमआईसी प्रस्ताव करके बिना टेंडर के भुगतान की स्वीकृती दे दी।
वहीं पूर्व आयुक्त मनीष सिंह एवं देवेन्द्र सिंह ने भी मनचाहे ठेकेदारों को अतिरिक्त स्वीकृति के नाम पर भुगतान बिना टेंडर के नियम विरुद्ध कर दिया जिसमें वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह ने भी भुगतान की अनुसंशा कर भुगतान किया एवं अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर ने अन्य आरोपियों से मिलकर उक्त दस्तावेज एवं अनुबंध बनाए व दस्तखत किए। इसी प्रकार वाइट चर्च चौराहे के विकास के नाम पर 3 अलग अलग कार्य आदेश एक ही काम के जारी किए जाने का उल्लेख भी शिकायत में किया गया है। मामले में लोकायुक्त ने आरोपिययो को 4 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक दस्तावेज प्रस्तुत करने तथा उपस्थित होने का सूचना पत्र जारी किया है।