इंदौर/भोपाल। जीएसटी इंटेलीजेंस एवं रिवेन्यू इंटेलीजेंस ने मध्यप्रदेश सहित देश के 15 राज्यों में छापा मारकर निर्यात के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े एवं सरकार से 470 करोड़ रुपए का फर्जी क्रेडिट व रिफंड वसूलने का खुलासा किया है। कार्रवाई में इंदौर और रतलाम के आधा दर्जन ठिकाने भी शामिल हैं। देश में जीएसटी इंटेलीजेंस एवं रिवेन्यू इंटेलीजेंस की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। इंदौर-रतलाम के जिन कारोबारियों पर छानबीन हुई है, ये लोग मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामान के कारोबारी बताए जाते हैं।
निर्यातकों को जीएसटी रिफंड मिलता है
बताया जाता है कि देश के निर्यात को बढ़ावा देने निर्यातकों को विभाग जीएसटी का भुगतान करने पर क्रेडिट और रिफंड देता है। छापे की कार्रवाई 336 ठिकानों पर की गई, इस गोपनीय मुहिम में कस्टमसेंट्रल एक्साइज, जीएसटी एवं दोनों जांच एजेंसियों के करीब 1200 अधिकारियों को लगाया गया था। 11 सितंबर बुधवार को दिन में सभी राज्यों में इन लोगों ने एक साथ एक ही समय पर धावा बोला। छानबीन की कार्रवाई 24 घंटे चली। सारा खेल निर्यात के फर्जी आंकड़े दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट वसूलने का है।
निर्यातकों के साथ उनके सप्लायर्स भी शामिल
राजस्व एवं कस्टम सेंट्रल एक्साइज की दोनों खुफिया एजेंसी लंबे समय से निर्यात के नाम पर सरकारी खजाने को चूना लगाने के इस गोरखधंधे की छानबीन में जुटी थीं। इस खेल में निर्यातकों के साथ उनके सप्लायर्स भी शामिल पाए गए हैं। इंदौर-रतलाम के जिन ठिकानों पर छापामारी की गई ये मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामान के सप्लायर्स हैं। 470 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट का भुगतान करीब 3500 करोड़ रुपए की वेल्यू पर ली गई थी।
इन राज्यों में हुई छापामारी
छापामारी में मप्र सहित दिल्ली, हरियाणा, उप्र, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस) के अतिरिक्त निदेशक संजीव कुमार सिंह ने बताया कि कार्रवाई में बरामद हुए दस्तावेजों की छानबीन अभी चल रही है।