इंदौर। चिमनबाग पर रविवार शाम हुए करणी सेना के प्रदर्शन में पुलिस-प्रशासन ने अपनी बदइंतजामी को छिपाने के लिए सैकड़ों घरों की बिजली गुल करवा दी। चिमनबाग, जेल रोड और नयापुरा क्षेत्र में शाम सवा चार बजे से शाम करीब सवा छह बजे तक बिजली गुल रही। बिना किसी सूचना के गुल हुई बिजली से क्षेत्र के हजारों परिवार परेशान होते रहे। बिजली कंपनी में पूछताछ की तो पता चला कि पुलिस के कहने पर बिजली आपूर्ति रोक दी गई है। अधिक भीड़ जुटने को बिजली आपूर्ति रोके जाने की वजह बताया गया।
कंपनी ने बताया: पुलिस के कहने से बिजली बंद की गई है
बिजली गुल होने के थोड़ी देर बाद ही क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाकर शिकायत दर्ज कराई। आधे घंटे बाद भी बिजली नहीं आई तो उपभोक्ताओं के बार-बार फोन जाने लगे। घंटेभर बाद क्षेत्र के एक उपभोक्ता आदर्श रामलाल यादव ने कंपनी में फोन लगाकर बिजली गुल होने का कारण पूछा तो कॉल सेंटर से कुछ नहीं बताया गया। बाद में जोर डालने पर बताया गया कि पुलिस के कहने से बिजली बंद की गई है।
जोन के अधिकारियों ने स्वीकार किया
उपभोक्ता ने बिजली कंपनी के प्रतिनिधि से काफी देर तक बहस भी की कि आखिर पुलिस क्यों बिजली बंद करवाने लगी। बिजली कंपनी के आला अधिकारियों को भी बिजली बंद किए जाने की जानकारी नहीं थी। बिजली कंपनी के प्रवक्ता सुब्रतो रॉय ने पहले ऐसी कोई जानकारी होने से इंकार किया। असल में बिजली कंपनी से आपूर्ति बंद करवाने से पहले लिखित अनुमति ली जाना जरूरी होता है। बाद में अधिकारियों ने मामले में बिजली कंपनी के स्थानीय ओपीएच जोन से जानकारी तलब की। जोन के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि पुलिस के कहने पर क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी।
एसपी का फोन आया था
अजय कुमार, सहायक यंत्री, ओपीएच जोन ने बताया कि बिजली कंट्रोल रूम पर एसपी का फोन आया था। उन्होंने कहा था कि ज्यादा भीड़ एकत्र हो गई है, कोई आयोजन जेल रोड क्षेत्र में है। इसलिए बिजली बंद कर दें। मौखिक निर्देश व आपात स्थिति मानकर हमने करीब डेढ़ घंटे तक क्षेत्र की बिजली बंद कर दी थी।
एहतियात बतौर कराई थी बिजली बंद
भीड़ काफी ज्यादा थी और बारिश भी हो रही थी। लोग खंभे पर पेड़ों पर भी चढ़ जाते हैं। ऐसे में करंट लगने जैसा हादसा न हो, इसलिए बिजली बंद कराई गई थी। भीड़ खत्म होते ही बिजली व्यवस्था बहाल हो गई थी।
यूसुफ कुरैशी, एसपी पश्चिम