इंदौर। मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनीट्रैप मामले के एक मात्र फरियादी नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से शनिवार को 6 घंटे तक पूछताछ हुई। उन्होंने विस्तार से अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि किस तरह आरती दयाल उनके संपर्क में आई और फिर उसने जाल बुनना शुरू किया।
हरभजन सिंह से करीब 50 सवाल किए गए
गुलमर्ग वैली (गुलमोहर) निवासी हरभजन सिंह (60) को केस दर्ज करवाने के पांच दिन बाद बयान के लिए थाने तलब किया। इसके पूर्व एटीएस, क्राइम ब्रांच और पुलिस ने तीन पन्नों के करीब 50 सवाल तैयार कर लिए थे। थाने के बाहर भीड़ देख अफसरों ने गुप्त स्थान पर बुलाया और बयान लिए। हरभजन ने वही बातें दोहराईं जो एफआईआर में लिखवाई गई थीं। उनसे श्वेता, बरखा, आरती व मोनिका के साथ बनाए संबंधों के बारे में पूछा तो कहा कि श्वेता जैन से पारिवारिक संबंध है।
इस तरह जाल में फंसातीं हैं हनी ट्रैप वाली लड़कियां
उसके साथ ही आरती से मुलाकात हुई थी। वह सुबह-शाम मैसेज कर दोस्ती बढ़ाने लगी। स्माइली, चुंबन के सिंबोल और इमोजी भेजने लगी। कई बार निजी फोटो भी भेज देती थी। (बता दें कि लड़कियां कुछ इसी तरह से लोगों को फंसाती हैं। बार-बार मैंसेज करतीं हैं, वाट्सएप कॉलिंग करतीं हैं, वीडियो चैट भी करतीं हैं, अपने निजी अंगों के फोटो भेजतीं हैं।) पुलिस ने हरभजन के मोबाइल की छानबीन की तो चैटिंग के कुछ हिस्से गायब मिले। एसपी (पूर्वी) मो. युसूफ कुरैशी ने पूछताछ की पुष्टि की और कहा कि जरूरत पड़ने पर दोबारा पूछताछ होगी।
अभी भी कई वीडियो छुपे हुए हैं: टीआई
पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि आरती का भाई इंदौर के बड़े कॉलेज में पढ़ता है। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसने हरभजन को कॉल व एसएमएस कर छुड़ाने के लिए कहा था। पलासिया टीआई शशिकांत चौरसिया के मुताबिक, पुलिस को अभी कुछ गैजेट्स, डिवाइस और ईमेल की जांच करनी है। शक है कि अश्लील वीडियो और फोटो अन्य जगह छिपाए गए हैं। हमें यह भी जानकारी मिली है कि आरोपित ने हरभजन की कई क्लिपिंग बनाई है। वह रेस्त्रां, कैफे और होटलों में मौका मिलने पर हर जगह वीडियो बना लेती थी।
आरती और मोनिका के फर्जी आधार कार्ड
टीआई चौरसिया के मुताबिक, आरोपित आरती दयाल के तीन व मोनिका यादव के दो आधार कार्ड होने की जानकारी मिली है। आरती ने आरती सिंह व ज्योत्सना सिंह और मोनिका ने सीमा सोनी के नाम से आधार कार्ड बनवाए थे। पूछताछ में बताया कि फर्जी कार्ड से वह होटल बुक करवाती थी। यह कार्ड आरती ने भोपाल के एक कम्प्यूटर सेंटर पर बनवाए थे। पुलिस ने दोनों के खिलाफ आईटी एक्ट और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की धारा बढ़ा दी है।
शादी नहीं की, लिव इन में रहती थी आरती
टीआई के मुताबिक, आरती ने पंकज दयाल (छतरपुर) से शादी नहीं की थी। वह उसके साथ लिव इन रिलेशन में रहती थी। दोनों में अक्सर विवाद होता रहता था। वह उसे छोड़कर भोपाल शिफ्ट हो गई और श्वेता जैन के साथ मिलकर लोगों से ट्रांसफर, ठेके, टेंडर स्वीकृत करवाने के ठेके लेने लगी। उसने पूछताछ में यह बात भी स्वीकारी कि वह लाइजनिंग का काम करने लगी थी।