इंदौर। बख्शीबाग और हाथीपाला में दो हायर सेकंडरी उर्दू माध्यम स्कूल हैं। पोर्टल पर गलत जानकारी होने से दोनों स्कूलों में हिंदी माध्यम के दो-दो शिक्षक पदस्थ हो गए। इस चक्कर में बख्शीबाग स्कूल में उर्दू माध्यम का शिक्षक अतिशेष हो गया। अब हालात यह है कि उर्दू स्कूल से उर्दू का शिक्षक हटाया जा रहा है जबकि हिंदी का शिक्षक (अपात्र) मजे से जमा हुआ है। जिले में शिक्षा विभाग के लिए जिम्मेदार डीईओ लाचारगी जता रहे हैं।
वीकीली आफ नहीं मिलता, थाने में ही पार्टी मना ली
सरकार के आदेश के बाद भी इंदौर में पुलिस वालों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल रहा है। बारह महीने काम करने से कई बार तनाव हो जाता है। उनका मन भारी रहता है। अधिकारी की डांट-फटकार और घरवालों के जुमले अलग सुनना पड़ते हैं। गत दिवस पलासिया थाने में पदस्थ एक जवान का बर्थडे मनाया गया। दाल-बाफले की पार्टी हुई। पार्टी के बहाने पुलिस वालों ने अपना मन हल्का किया। जमकर ठहाके लगाए और मस्तीभरे अंदाज में केक की होली खेली।
महिला जोन ठप हो गया, महिला कर्मचारी काम नहीं करतीं
बिजली कंपनी के अफसरों ने महिला जोन बनाकर सुर्खियां तो बटोर लीं, लेकिन अब यह फील्ड के अफसरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। चर्चा है कि यहां पदस्थ महिला कर्मचारी फील्ड का काम नहीं कर पातीं। इसलिए पुरुष कर्मचारियों को ही मैदान संभालना पड़ता है। शिकायतें बढ़ रही हैं, सो अलग। काम करने वाले कर्मचारी ऐसे में आला अधिकारियों को कोसे बिना नहीं रहते। यदि आला अफसर इस जोन की सेहत पता करें तो उन्हें मालूम होगा कि जोन की कार्यप्रणाली को क्या बीमारी हुई है।
शिक्षक होकर काम अकाउटेंट का
शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षक वेतन तो शिक्षक के पद का ले रहे हैं, नौकरी अकाउटेंट की कर रहे हैं। स्कूल में तो ये उपस्थिति लगाने तक रुकते हैं, उसके बाद अकाउटेंट की कुर्सी संभाल लेते हैं। जो आवेदन शिक्षकों को भरकर अकाउटेंट से फॉरवर्ड कराना है, वे सब ये ही भरते हैं। अकाउटेंट केवल अपने दस्तखतभर करते हैं। स्टाफ को भी सब पता है, लेकिन एचएम को शिक्षक की गैरमौजूदगी से आपत्ति नहीं है और प्राचार्य शिक्षक द्वारा संकुल में काम निपटाने पर गुरेज नहीं करते। नतीजतन, सबकुछ चल रहा है। कहने वाले कह रहे हैं कि अफसरों को ऐसे शिक्षकों का पता लगाकर उन स्कूलों में भेज देना चाहिए, जहां अकाउंटेंट नहीं हैं। कम से कम इससे वहां की व्यवस्था तो सुधरेगी।