इंदौर। रविवार से शुरू हो रही नवरात्रि के दौरान शहर के उन गरबा आयोजकों के लिए संकट है, जिनके आयोजन मैदान या खुले स्थान पर होते हैं। मौसम के तेवर देख कई पारंपरिक और छोटे आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। या फिर वे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कुछ दिनों बाद यदि मौसम खुल जाए तो आखिरी के तीन दिनों में गरबे का आयोजन किया जाए।
शहर में प्रतिवर्ष 300 से अधिक छोटे-बड़े गरबों का आयोजन किया जाता है। लसूड़िया स्थित सिंगापुर नेस्ट सोसायटी के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि बीते सात वर्षों से गरबे का आयोजन कर रहे हैं। इस बार मैदान में पानी भरा हुआ है। बारिश नहीं रुकी तो कार्यक्रम रद्द करना पड़ेगा। इस्कॉन विहार में होने वाले गरबे की आयोजक गीता अग्रवाल ने बताया कि 4 अक्टूबर तक तो प्रशिक्षण देंगे। फिर बारिश रुक गई तो आखिरी तीन दिन आयोजन करेंगे।
आम्बेडकर नगर स्थित युवा एकता संगठन के अध्यक्ष राजेश स्वामी ने बताया कि 13 साल से आयोजन कर रहे हैं। इस बार भी परंपरा नहीं टूटने देंगे। गली के भीतर सीमेंट की सड़क के ऊपर लकड़ी के तख्त रखकर स्टेज जैसा बनाया है। नंदलालपुरा सब्जी मंडी स्थित इंदौर विनर नवयुवक गरबा मंडल के आयोजक विनय मावने ने बताया कि वाटरपूफ्र पंडाल बनाया है, जहां पर माता की मूर्ति विराजित की जाएगी और लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। बारिश जारी रही तो पंडाल के भीतर ही छोटे स्तर पर गरबा करेंगे। हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि के छठे दिन किन्नरों का गरबा होता है।