जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर भी जिला सहकारी कृषि व ग्रामीण विकास बैंक शहडोल ने अपने एक पूर्व कर्मी को ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्ति विषयक लाभों का भुगतान नहीं किया। रिटायर कर्मी को कहा गया कि यह भुगतान करने के लिए बैक के पास पैसा नहीं है। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर इस संबंध में स्पष्टीकरण मांग लिया। सभी अनावेदकों से चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है।
शहडोल जिले के सोहागपुर निवासी जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के पूर्व प्रबंधक गिरधारी लाल ने याचिका दायर कर कहा कि वे 2016 में रिटायर हुए। लेकिन उन्हें अब तक ग्रेच्युटी, बकाया वेतन व अन्य लाभ सहित कुल मिलाकर 4 लाख 71 हजार 462 रुपए का भुगतान नहीं किया गया। अधिवक्ता सीएम तिवारी ने दलील दी कि 7 जनवरी 2019 को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की पूर्व याचिका का निराकरण किया। कोर्ट ने निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता के इस संबंध में दायर अभ्यावेदन का विधि अनुसार गुणदोष के आधार पर निराकरण किया जाए।
26 मार्च 2019 को जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक शहडोल ने उन्हें पत्र भेजकर कहा कि बैंक के पास यह भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है। इस पत्र को अनुचित व अवैधानिक बताते हुए उन्होंने तत्काल भुगतान के निर्देश देने का आग्रह किया। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।