जबलपुर। भेड़ाघाट से लम्हेटा को जोड़ने वाले पुल को सांसद राकेश सिंह ने विकास का प्रतीक बताया था लेकिन वो तो पहली बाढ़ भी नहीं झेल पाया और क्षतिग्रस्त हो गया। इसी प्रकार बैनगंगा के पुल को जोड़ने वाली सड़क भी बह गई। इसके अलावा धुंआधार के पास बने पर्यटन विकास निगम का शौचालय भी तहस नहस हो गया। इससे इन सरकारी निर्माणों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सांसद राकेश सिंह जिम्मेदार हैं
सोमवार को पुल से पानी उतरने के बाद बरगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय यादव अन्य स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने स्थिति देखते हुए निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए सांसद राकेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद की लापरवाही से ही भेड़ाघाट का पुल टूटा है। कहा है कि उनके कार्यकाल में ही इस पुल का निर्माण किया गया है। घटिया निर्माण की संपूर्ण जवाबदारी उनकी ही है।
निर्माण के समय ही सांसद को बताया था
विधायक ने कहा है कि निर्माण के समय क्षेत्र की जनता ने घटिया निर्माण के लिए सांसद को सतेच किया था मगर जनता की बात को अनदेखा कर उस पर विचार नहीं किया गया। इससे आज जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद हो गए। विधायक ने घटिया निर्माण के लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सुंदरानी कंस्ट्रक्शन ने बनाया था, अधिकारियों ने निरीक्षण तक नहीं किया
विधायक के अलावा क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि लोकार्पण का श्रेय लेने के लिए जल्दबाजी में निर्माण पूरा कराया गया। निर्माण के समय गुणवत्ता की तरफ ध्यान नहीं दिया। निर्माण कंपनी सुंदरानी कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाए गए पुल का अधिकारियों ने भी निरीक्षण नहीं किया। बाढ़ के बाद भेड़ाघाट के दोनों पुल खतरनाक हो गए हैं।
जगह-जगह से उखड़ गया भेड़ाघाट का पुल
भेड़ाघाट का पुल एक नहीं बल्कि कई जगह से उखड़ गया है। कई जहगों पर सीमेंट कंक्रीट पूरी बह गई और सिर्फ लोहे की सरिया दिखाई पड़ रही हैं। एक जगह ऐसी भी है कि पुल का कुछ हिस्सा पूरा बह गया है। यहां से पुल के नीचे बहती नर्मदा दिखाई पड़ने लगी है। कुल मिलाकर बिना मरम्मत किए पुल से आवागमन खतरनाक हो गया है।
पहले भी बह चुकी है बैनगंगा पुल की सड़क
गौरतलब है कि पूर्व में भी धुंआधार पर बने पुल पर जब पानी आया था तब इसको जोड़ने वाली सड़क पूरी उखड़ गई थी। इसी तरह बैनगंगा पर बने पुल को जोड़ने वाली सड़क भी बह गई थी। इस दौरान तत्कालीन कलेक्टर महेशचंद चौधरी ने लाखों रुपए के खर्च से इसकी मरम्मत कराई थी। इस बार भी एक दिन मात्र की बाढ़ से बैनगंगा पुल को जोड़ने वाली सड़क बह गई है।
क्षेत्रीय लोगों ने रातभर की मदद
रात में नर्मदा जल स्तर बढ़ने से नर्मदा तट पर बनी दुकानों का सामान शिफ्ट करना व्यापारियों के लिए कठिन हो गया था। यहां क्षेत्रीय लोगों ने व्यापारियों की मदद की। इनमें नगर परिषद के सीएमओ एके रावत, पूर्व अध्यक्ष सुनील जैन, धर्मेन्द्र पुरी, किशोर दुबे, जगदीश दाहिया, दिलीप राय, शिल्पकार संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य ने पूरी रात लोगों की मदद की।
रातभर बिजली बंद रही
भेड़ाघाट पर लोगों के रात गुजारना काफी मुश्किल भरा रहा। एक तरफ बारिश और फिर नर्मदा बढ़ता जलस्तर लोगों को बैचेन किए था। इसी दौरान बिजली विभाग ने क्षेत्र की बिजली भी बंद कर दी जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई।